नई दिल्ली। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने मोदी सरकार पर एकतरफा फैसले लेने का आरोप लगाते हुए कहा है कि लॉकडाउन भी इसी तरह का कठोर निर्णय था जिसने लोगों की मानसिकता बदली और डर का माहौल पैदा हुआ।श्री गांधी ने अमेरिकी राजनयिक एवं हावर्ड विश्वविद्यालय में अंतरराष्ट्रीय मामलों के प्रोफेसर निकाेलस बर्न्स से शुक्रवार को बातचीत में कहा कि मोदी सरकार ने जिस तरह से लॉकडाउन किया, उसके कारण लोगों की मानसिकता बदली है और काफी डर का माहौल पैदा हुआ है। यह वायरस बहुत घातक है और वायरस के साथ ही इस डर को भी धीरे-धीरे दूर किया जाना चाहिए।
काेरोना से बचाव के लिए सावधानी को लेकर कांग्रेस नेता ने कहा “मैं किसी से हाथ तो नहीं मिला रहा लेकिन मास्क और सुरक्षा के साथ लोगों से मिलता हूं क्योंकि सार्वजनिक सभाएं संभव नहीं हैं और भारत में जन सभाएं राजनीति के लिए संजीवनी है। सोशल मीडिया और ज़ूम के जरिए काफी बातचीत हो रही है। इसके कारण राजनैतिक क्षेत्र में कुछ आदतें निश्चित ही बदलने जा रही है।”श्री गांधी ने कहा कि उन्हें लगता है कि कोरोना के कारण लोगों में एकजुटता का भाव बढ़ रहा है और यूरोप में भी ऐसा ही है। जर्मनी, इटली, ब्रिटेन के बीच वही हो रहा है जो बाकी विश्व में है। दुनिया में कुछ ऐसा हो रहा है, जहां लोग अपने आप में एक होते जा रहे हैं, समझदारी बनती जा रही है और मुझे लगता है कि कोविड संकट के कारण इस भाव में तेजी आयी है।
उन्होंने कहा “मैं अपने देश के डीएनए को समझता हूं। मैं जानता हूं कि हजारों वर्षों से मेरे देश का डीएनए एक प्रकार का है और इसे बदला नहीं जा सकता। हां, हम एक खराब दौर से गुजर रहे हैं। कोविड एक भयानक समय है, लेकिन मैं कोविड के बाद नए विचारों और नए तरीकों को उभरते हुए देख रहा हूं।मैं लोगों को पहले की तुलना में एक-दूसरे का बहुत अधिक सहयोग करते हुए देख सकता हूं। अब उन्हें एहसास हुआ कि वास्तव में संगठित होने के फायदे हैं। एक-दूसरे की मदद करने के फायदे हैं इसलिए वे ऐसा कर रहे हैं।”
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