ऋषिकेश दुबे
कैसे ले रहे है लेखपाल जी घूस वीडियो हुआ वायरल
अयोध्या। बीकापुर तहसील क्षेत्र के गांव मऊ के लेखपाल ने न्यायालय द्वारा मांगी आंख्या में रिपोर्ट लगाने के नाम पर 25 हजार रुपए की मांग की जिसमें 5 हजार रुपए ऐठे जाने का वीडियो वायरल हो गया है| लेखपाल द्वारा मामले में जानकारी मिलने के बाद कार्यवाही न किए जाने की शिकायत पीड़ित आदमी ने प्रदेश के मुख्यमंत्री से शिकायत कर कार्यवाही की गुहार की है|जहां आरोपी लेखपाल ने मनमानी रिपोर्ट लगाकर प्रकरण को निक्षेपित करा दिया है|दरअसल पूरा मामला यह है कि बीकापुर तहसील क्षेत्र अंतर्गत आने वाले गांव मऊ के फयाराम निषाद पुत्र स्वर्गीय धनाई निषाद का आरोप है कि उसने लगभग 3 जून 2005 को बलराम पुत्र शिव नारायण से 0.422 हेक्टेयर भूमि का बैनामा लिया था| दाखिल खारिज राजस्व अभिलेखों में दर्ज हो गया था 2005 से 2009 तक खतौनी में नाम सही चल रहा था किंतु खतौनी कन्वर्जन के समय बेनामीदार के नाम के साथ अन्य कई लोगों का भी नाम जुड़ गया| जानकारी मिलने के बाद बेनामीदार के पैरों तले जमीन खिसक गई और उसने तहसील का चक्कर लगाना शुरू कर दिया| चक्कर काटते थक हार कर पीड़ित काश्तकार ने तहसील स्थित एसडीएम कोर्ट में कागजात दुरुस्ती का वाद योजित किया जिसमें न्यायालय द्वारा राजस्व निरीक्षक के माध्यम से रिपोर्ट मांगी गई|पत्रावली लेखपाल राजेश श्रीवास्तव के पास पहुंची तथा जब पीड़ित आदमी ने लेखपाल से संपर्क किया तो लेखपाल ने बताया कि यह बहुत बड़ा मामला है इसमें कम से कम 25 हजार लगेंगे| काश्तकार का आरोप है कि बीते पखवाड़े पूर्व लेखपाल को 5 हजार देकर शेष पैसे बाद में देने का वादा किया|इस बीच लेखपाल ने मामला काफी पुराना होने का हवाला देते हुए विरोधाभासी रिपोर्ट लगाकर पत्रावली कोर्ट भेज दिया|जानकारी पाकर काश्तकार द्वारा प्रदेश के मुख्यमंत्री की महत्वाकांक्षी शिकायत प्रणाली जनसुनवाई पर शिकायत दर्ज कराई गई बावजूद इसके लेखपाल ने मामले में दोबारा भ्रामक रिपोर्ट लगा दी| जिसके चलते काश्तकार तहसील से लेकर जिले के अधिकारियों के चक्कर काट रहा है कोई सुनने वाला नहीं है|उधर लेखपाल का घूस लेते वीडियो वायरल हो जाने की जानकारी पाकर आरोपी लेखपाल के भी हाथ-पांव फूल गए हैं|लेखपाल को भी दर सताने लगा है ये है जमीनी हकीकत ऐसे लोग इस समाज को दीमक की तरह चाट जा रहे हैं जब तक ऐसे लोग इस समाज में रहेंगे तब तक ये जनता को इसी तरीके से चूसते रहेंगे गरीब को न्याय नहीं मिलेगा|
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