पति पत्नी दोनों विकलांग फिर भी नहीं मिला पेंशन और सरकारी आवास
झोपड़ी में जिंदगी के दिन गुजार रहे है विकलांग दम्पत्ति*
विकलांग पेंशन के लिए प्रधान ने लिए पांच सौ रुपए लेकिन नहीं दिलवा पाए पेंशन।
बेरूवा कौशाम्बी। मूरतगंज बिकास खण्ड के जीवनगंज ग्राम सभा अशरफपुर के विकलांग दम्पत्ति को तमाम भाग दौड़ के बाद भी विकलांग पेंशन और सरकारी आवास नही मिल सका है जबकि विकलांग दम्पत्ति को पेंशन दिलाने के नाम पर ग्राम प्रधान ने पहले ही पांच सौ रुपये ले लिए है गरीबी का दंश झेल रहे विकलांग दम्पत्ति झोपड़ी में जिंदगी के दिन गुजार रहे है जिससे योजनाओं के संचालन की पारदर्शिता का अंदाजा लगाया जा सकता है। जानकारी के मुताबिक जीवनगंज अशरफपुर की कमला देवी और उसका पति लालचंद पटेल दोनों पति पत्नी शारीरिक रूप से विकलांग हैं गरीबी का दंश झेल रहे इस दम्पत्ति के पास रहने के लिए छत भी नहीं है क्योंकि इनका घर लगभग दो वर्ष पूर्व बारिश के कारण गिर गया था।
बारिश में घर गिर जाने के बाद कमला देवी व उसके परिवार के लोगो को रहने का कोई ठिकाना नहीं रह गया है। कमला देवी किसी तरह झोपडी छप्पर डाल कर अपना जीवन यापन कर रही हैं जिसमें दरवाजा भी नहीं लगा है फिर भी कमला देवी दो बच्चों साथ किसी तरह से वही जिंदगी का गुजारा कर रही है लेकिन आज तक कमला देवी को कोई भी सरकारी लाभ नहीं मिला हैं यहां तक कि इन्हें विकलांग पेंशन का लाभ भी नहीं मिला है योजनाओं के लाभ के लिए बिकलांग दम्पत्ति ने एड़ी चोटी का जोर लगा दिया है। कमला देवी ने बताया कि ग्राम प्रधान व हल्का लेखपाल सिक्रेटरी से मैंने कई बार कहा कि मुझे आवास योजना के तहत आवास की रकम दे दी जाए तथा विकलांग दम्पत्ति को पेंशन स्वीकृत करा दी जाए विकलांग दम्पत्ति का कहना है कि आज तक हमारी कही भी कोई सुनवाई नहीं हुई बिकलांग दम्पत्ति की कहानी योजनाओं की पारदर्शिता की हकीकत खोल रही है।
मंजीत सिंह
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें
Thank you, for a message universal express.