शनिवार, 27 जून 2020

दिल्ली सीएम ने की केंद्र से 5 सूत्री मांग

नई दिल्ली। दिल्ली में कोरोना की दिन प्रतिदिन भयावह होती  स्थिति के बीच शनिवार को मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने इस महामारी से निपटने में मिले सहयोग के लिये केंद्र सरकार का धन्यवाद करते हुए कहा कि हम संक्रमण को नियत्रंण मे लाने की पांच सूत्री रणनीति पर आगे बढ़ रहे हैं। राजधानी में संक्रमण की स्थिति पर वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये आज मीडिया को संबोधित करते हुए केजरीवाल ने कहा कि कोरोना के खिलाफ युद्ध में दिल्ली सरकार के पांच हथियार हैं..अस्पतालों में बेड की संख्या बढ़ाना, बड़े स्तर पर जांच और आइसोलेशन करना, ऑक्सीमीटर और मरीज में ऑक्सीजन के स्तर पर ध्यान देना, प्लाज्मा थेरेपी से इलाज तथा सर्वे और स्क्रीनिंग।


केंद्र से छोटे-छोटे मुद्दों पर टकराव करने वाले केजरीवाल का आज मोदी सरकार के प्रति अंदाज अलग दिखा। उन्होंने कहा दिल्ली में जांच तेजी से बढ़वाने में केंद्र सरकार ने बड़ा सहयोग दिया। केजरीवाल ने कहा कि केंद्र ने ही पहले ऐंटीजेन किट्स दीं और फिर हाथ पकड़कर बताया कि कैसे इस काम में तेजी लाई जाए। उन्होंने कहा जून में कोरोना उम्मीद से ज्यादा तेजी से बढ़ा इसलिए शुरुआत में बेड्स की कमी हुई लेकिन अब इस कमी को दूर कर लिया गया है। जांच और आइसोलेशन पर उन्होंने कहा कि पहले जांच के लिए धक्के खाने पड़ते थे लेकिन अब स्थिति सुधरी है। जून के पहले सप्ताह में रोज पांच हजार टेस्ट हो रहे थे जिसे अब बढ़ाकर 20 हजार कर दिया गया है। तीसरा हथियार ऑक्सीमीटर है। इस पर उन्होंने बताया कि होम आइसोलेशन वाले लोगों को ऑक्सीमीटर दिया जा रहा है। अगर उन्हें ऑक्सीजन स्तर कम लगता है तो वे फोन करके मदद ले सकते हैं। चौथा हथियार प्लाजमा थेरेपी है। उन्होंने कहा कि सबसे पहले दिल्ली में इसे आजमाया गया, 29 मरीजों को प्लजामा थेरेपी दी गयी जिसका परीक्षण सफल भी रहा था। सर्वे और स्क्रीनिंग को कोरोना के खिलाफ उन्होंने आखिरी हथियार बताते हुए कहा कि आज से दिल्ली में सीरो सर्वेक्षण शुरू हो रहा है। बीस हजार लोगों के खून के नमूने इसमें लिए जायेंगे ,जिनकी जांच से पता चलेगा कि राजधानी में कोरोना वायरस का कितना फैलाव हुआ है। इसे समझने में इस सर्वेक्षण से बड़ी मदद मिलेगी। केजरीवाल ने बताया कि शुक्रवार को 21 हजार से अधिक जांच की गई जो दिल्ली में अब तक की सर्वाधिक जांच थी। सीरो सर्वे आज से शुरू होकर 10 जुलाई तक पूरा होगा। इससे पता चलेगा कि कितने लोगों के शरीर में इस वायरस से लड़ने की प्रतिरोधक क्षमता विकसित हो चुकी है। सर्वे में पूरी दिल्ली से करीब 20 हजार नमूने एकत्रित किए जाएंगे शनिवार से दिल्ली के सभी जिलों में सीरोलॉजिकल सर्वे शुरू हुआ है। इसके लिए सभी जिलों के जिलाधिकारियों ने अपने जिले के मुख्य जिला चिकित्सा अधिकारी की देखरेख में टीमें तैयार की हैं। करीब 1100 टीमें गठित की गई हैं। टीमें चुनींदा इलाकों में जाकर नमूने एकत्रित करेंगी, जिनकी जांच के नतीजों के आधार पर यह पता चलेगा कि कोरोना के खिलाफ एंटीबॉडीज किस तरह विकसित हो रही हैं और उनके विकसित होने की दर क्या है। खून के नमूने की जांच करके आधे घंटे में यह पता लगाया जा सकेगा कि जिस व्यक्ति का नमूना लिया गया है, उसके अंदर हर्ड इम्युनिटी विकसित हुई है या नहीं। नमूने की जांच के लिए एक विशेष किट का इस्तेमाल किया जाएगा। सभी नमूनों की जांच के आधार पर राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र (एनसीडीसी) एक रिपोर्ट तैयार करके सरकार को सौंपेगी। अगर कोई व्यक्ति कोरोना की चपेट में आता है, लेकिन उसके अंदर कोई लक्षण नहीं उभरता है, तो ऐसे लोगों के शरीर में 5-7 दिन के अंदर अपने आप एंटीबॉडी बनना शुरू हो जाती हैं, जो वायरस को शरीर में पनपने नहीं देती हैं।सर्वेक्षण से इन्हीं एंटीबॉडीज की जांच करके यह पता लगाया जाएगा कि दिल्ली में कौन कौन से ऐसे इलाके हैं और ऐसी कितनी आबादी है, जहां लोगों को कोरोना हुआ, मगर वे अपने आप ठीक भी हो गए। इससे वायरस के प्रसार और उसकी क्षमता का पता लगाने में भी मदद मिलेगी। गृह मंत्रालय के निर्देश पर एनसीडीसी यह सर्वे करवा रही है। इसमें जिले से 800 से 1000 के करीब नमूने लिए किए जाएंगे। खून के यह नमूने औचक ढंग से घरों को चुनकर वहां रहने वाले लोगों के लिए जायेंगे। दिल्ली कोरोना के मामले में 77,240 के साथ दूसरे स्थान पर है। कोरोना से दिल्ली में 2492 लोगों की मौत हो चुकी है।


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