पिथौरागढ़। उत्तराखंड में मुनस्यारी-मिलम सड़क पर बीआरओ (बॉर्डर रोड ऑर्गेनाइजेशन) की टीम ने महज पांच दिन में भारत को चीन सीमा से जोड़ने वाला नया पुल तैयार कर दिया है। शनिवार को पुल पर पोकलैंड, ड्रोजर और बीआरओ के ट्रक को चलाकर ट्रायल लिया गया। बीआरओ के अधिकारियों के अनुसार, पुल सही तरीके से बनकर तैयार हो गया है। जल्द ही इस पर वाहनों की आवाजाही शुरू कर दी जाएगी। सैनरगाड़ नदी पर बना पुल 22 जून को पोकलैंड ले जा रहे ट्राला के गुजरते समय टूट गया था।
पुल के महत्व को देखते हुए बीआरओ ने 23 जून से नया पुल बनाने का काम शुरू किया था। पुल बनने से चीन सीमा के लिए आवागमन आसान हो जाएगा। इसके अलावा मुनस्यारी के मल्ला जोहार क्षेत्र के ग्रामीणों को भी राहत मिलेगी। सेनरगाड़ में बना यह पुल इसलिए भी खास है क्योंकि, सेना और आईटीबीपी को इसी रास्ते से चीन सीमा पर बनी पोस्टों पर रसद और खाद्य सामग्री पहुंचाई जाती है। पुल टूटने से सेना को दिक्कतों को सामना करना पड़ रहा था। वहीं, पुल के टूटने से सीमांत के लोग भी खासे परेशान थे। पुल के टूटने से सीमांत के 10 माइग्रेशन गांव मिलम, बिल्जू, बुर्फू, तूला, पांछू, गनघर, रालम, खिलांच, लास्पा, रिलकोट, लास्पा, बौगडियार और रालम सहित कई अन्य गांवों के लोगों का संपर्क भी जिला मुख्यालय से टूट गया था। मानसून काल से पूर्व सीमांत के ग्रामीण जरूरतमंद चीजों को गांवों तक पहुंचा देते थे लेकिन इस बार सड़क और पुल के बनने के बाद लोग आराम से चीजों को गांवों तक पहुंचा रहे थे।
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