शुक्रवार, 19 जून 2020

आशीर्वाद से 'तेरा पंथ-मेरा पंथ' बना: मोदी

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने श्वेतांबर जैन संत आचार्य महाप्रज्ञ जी को याद करते हुए कहा कि जिस राष्ट्र और देश का आधार संत और महात्माओं ने रखा है, उसे देश जल्दी ही अपने संकल्प से सिद्ध करेगा। नई दिल्ली से संत आचार्य महाप्रज्ञजी की जन्म शताब्दी समारोह को वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि आचार्य के आशीर्वाद से आज ‘तेरा पंथ मेरा पंथ’ बन गया है।


उन्होंने कहा, ” मैं आचार्य जी को नमन करता हूं। आप में से कई लोग ऐसे हैं जिन्हें आचार्य श्री के सत्संग और साथ का अनुभव हुआ। मैं अपने आप को भाग्यशाली मानता हूं कि मुझे आचार्य श्री का आशीर्वाद और सानिध्य मिला। गुजरात का मुख्यमंत्री रहते हुए मुझे मानव सेवा की यात्रा में शामिल होने का सौभाग्य मिला था।


तब मैंने आचार्य जी से कहा था कि यह ‘तेरा पंथ मेरा पंथ’ बन जाए। उनके आशीर्वाद से तेरा पंथ मेरा पंथ बन गया और मैं भी आचार्य श्री का बन गया। उनके युग ऋषि जैसे जीवन में अपने लिए कुछ नहीं होता। उनका विचार उनका चिंतन समाज के लिए और मानवता के लिए ही होता है।”प्रधानमंत्री ने कहा कि आचार्य कहते थे कि मैं और मेरा छोड़ो, तो सब तुम्हारा होगा। उनके जीवन में यह दिखाई भी देता था। इस तरह का जीवन जीने वाला आसानी से नहीं मिलता। जीवन को इस स्थिति तक ले जाने के लिए तपना पड़ता है।उन्होंने कहा इसके लिये अपने आप को तपाना पड़ता है, समाज के लिए खपना पड़ता है, तिल-तिल जलना पड़ता है। यह आसान नहीं है, असाधारण व्यक्तित्व ही ऐसा कर पाता है।


प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि जब आप भी आचार्य के साहित्य को पढ़ेंगे तो आप को भी अनुभव होगा कि कितने ही महापुरुषों की छवि उनके भीतर थी। उनका ज्ञान कितना व्यापक था। जितना उन्होंने अध्यात्म पर लिखा,उतना ही इकोनॉमी और फिलॉसफी पर भी लिखा है।


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