मनोज सिंह ठाकुर
मुंबई। देश में कोरोना की मार से सबसे ज्यादा महाराष्ट्र प्रभावित हुआ है। यहां कोरोना संक्रमितों की संख्या 85 हजार के पार पहुंच चुकी है। इस सकंट के बीच एक अस्पताल की बड़ी लापरवाही सामने आई है। अस्पताल की ओर से एक 55 साल के व्यक्ति की डेड बॉडी बिना कोरोना रिपोर्ट देखे ही परिजनों को सौंप दी गई। वहीं, परिजनों ने अंतिम संस्कार कर दिया तो पता चला कि मृतक शख्स की कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव है। ऐसे में अब अंतिम संस्कार में शामिल हुए करीब 400 लोगों पर आफत बन आई है। मुंबई के वसई में स्थित The Cardinal Gracious Hospital में अरनाला गांव के रहने वाले 55 साल के व्यक्ति को लीवर की समस्या की वजह से एडमिट कराया गया था। वो 15 दिनों तक अस्पताल में रहे और बीते गुरुवार को इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई। इसके बाद डेड बॉडी को कोरोना टेस्ट के लिए भेज दिया गया। वहीं, अस्पताल ने बिना रिपोर्ट आए ही परिजनों को डेड बॉडी सौंप दी।
इधर, मृतक व्यक्ति के अंतिम संस्कार में 400 से अधिक लोग शामिल हुए। अगले दिन परिवार के सदस्यों को अस्पताल से फोन आया कि मृतक व्यक्ति की कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। इसके बाद अंतिम संस्कार में शामिल होने वाले रिश्तेदारों और पड़ोसियों में दहशत फैल गई। वसई के स्वास्थ्य अधिकारी डॉक्टर बालसाहेब जाधव ने कहा कि अंतिम संस्कार के अगले दिन कोरोना रिपोर्ट आई थी। हमने अस्पताल को नोटिस भेजा है। मामले में पूछताछ जारी है। वहीं, अस्पताल की ओर से कहा गया कि मरीज को 15 दिन पहले भर्ती कराया गया था। पहले कोरोना रिपोर्ट निगेटिव आई थी और कोई लक्षण भी नहीं थे। उनकी मौत लीवर की बीमारी की वजह से हुई है। डेड बॉडी सौंपने से पहले उन्हें वेंटीलेटर और डायलिसिस पर रखा गया था। साथ ही परिजनों को भी कोरोना से जुड़े सभी उचित निर्देश दिए गए थे। शरीर पैक किया गया था. इस वक्त ऐसे आरोप डॉक्टरों और अस्पताल के कर्मचारियों का मनोबल गिराने जैसा है।
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