नई दिल्ली। कोरोना संक्रमण को लेकर एक बार फिर WHO ने लोगों को आगाह किया है। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कहा है कि अगर कोरोना वायरस की दूसरी लहर आई तो लाखों लोगों की मौत हो सकती है। WHO के असिस्टेंट डायरेक्टर जनरल रनीरी गुएरा ने अंदेशा जाहिर किया है कि वायरस अभी भी काफी देशों में कहर बरपाएगा। उन्होंने स्पेनिश फ्लू का जिक्र करते हुए कहा कि महामारी सितंबर-अक्टूबर के ठंडे मौसम में बढ़ गई थी। ऐसे में कोरोना वायरस का प्रभाव भी इस मौसम में दिखाई दे सकता है। रनीरी गुएरा ने कहा कि करीब 100 साल पहले आए स्पेनिश फ्लू की दूसरी लहर में करोड़ों लोगों की मौत हो गई थी। उनके मुताबिक स्पेनिश फ्लू भी कोविड की तरह ही बर्ताव कर रहा था। इस दौरान गर्मियों में उसका संक्रमण घट गया था। लेकिन बाद में ठंड आने पर बढ़ गया।यूरोपियन सेंट्रल बैंक के प्रमुख क्रिस्टीन लगार्डे ने भी कहा था कि अगर हमने 1918-19 के स्पेनिश फ्लू से कुछ भी सीखा है तो निश्चित तौर से कोरोना की दूसरी लहर आ सकती है।
इससे पहले कुछ स्टडी में ये बात सामने आई थी कि अधिक गर्मी में कोरोना वायरस का प्रसार धीमा हो जाता है, लेकिन ये इतना कम नहीं दिखाई दिया कि संक्रमण रुक गया हो.खासकर भारत जैसे देश में जहाँ गर्मी में तापमान 45 से लेकर 49 डिग्री तक कई इलाकों में दर्ज किया गया था। इसके बावजूद भी बढे तापमान में कोरोना का संक्रमण तथावत रहा। उधर महामारी रोग विशेषज्ञों का कहना है कि कोरोना की दूसरी लहर को लेकर कोई तय परिभाषा नहीं है। फ़िलहाल दुनियाभर में कोरोना के 97.7 लाख मामलों की पुष्टि हो चुकी है। जबकि इससे दुनियाभर में 4.9 लाख लोगों की मौत दर्ज की गई है। जानकारों को अंदेशा है कि कई देशों में इसकी दूसरी लहर भी खतरनाक साबित हो सकती है।
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