लंदन। बिट्रेन में कोरोनोवायरस को लेकर लॉकडाउन की सलाह देने वाले ब्रिटेन के प्रमुख वैज्ञानिक नील फर्ग्यूसन ने सोशल डिस्टेंसिंग का उल्लंघन करने पर अपने पद से इस्तीफा दे दिया। महामारी के मामले में वे सरकार के प्रमुख सलाहकार थे। इनकी सलाह के बाद ही प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने देश में 23 मार्च से लॉकडाउन की घोषणा की थी।
उन्हें ‘प्रोफेसर लॉकडाउन’ के नाम से भी जाना जाता हैः डेली टेलीग्राफ की रिपोर्ट्स के मुताबिक, प्रोफेसर नील फर्ग्यूसन ने लॉकडाउन के दौरान एक महिला को दो अवसरों पर अपने घर आने दिया था। उन्होंने अपनी गलती स्वीकार की और कहा कि मुझे इसका बेहद अफसोस है। संक्रमण को रोकने के लिए सरकार सोशल डिस्टेंसिंग का संदेश दे रही है और मैंने इसका उल्लंघन किया। उन्हें ‘प्रोफेसर लॉकडाउन’ के नाम से भी जाना जाता है। उनकी संस्था सरकारों और डब्ल्यूएचओ को सलाह देती हैः उन्होंने कहा कि वे साइंटिफिक एडवाइजरी ग्रुप फॉर इमरजेंसी के पद से पीछे हट रहे हैं। वे सेंटर फॉर ग्लोबल इंफेक्शस डिजीज एनालिसिस के निदेशक हैं। बीबीसी के मुताबिक, इसी संस्था ने जनवरी में दुनिया को कोरोना के खतरे से आगाह किया था। यह संस्था सरकारों और डब्ल्यूएचओ को अफ्रीका में इबोला से लेकर कोरोना महामारी तक के मामलों में सलाह देती है। यहां अब तक 28 हजार से ज्यादा मौत हुईः उन्होंने कहा कि सरकार का आदेश हम सभी की सुरक्षा के लिए है। उनकी टीम ने रिसर्च के आधार पर कहा था कि देश में अगर तुरंत कार्रवाई नहीं हुई तो कोरोना से पांच लाख से ज्यादा मौतें हो सकती हैं। ब्रिटेन में अब तक 28 हजार से ज्यादा जान जा चुकी है। अमेरिका के बाद सबसे ज्यादा मौतें यहां हुई हैं। देश में केवल जरूरी चीजों की दुकानें खोलने की अनुमति है। नियमों का उल्लंघन करने वालों से जुर्माना भी लिया जाएगा।
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