कोझिकोड। राज्यसभा सांसद एम. पी. वीरेंद्र कुमार का हृदयाघात के कारण गुरुवार देर रात निधन हो गया। वह 84 वर्ष के थे। प्रसिद्ध राजनीतिज्ञ एवं सत्तारूढ़ गठबंधन के सहयोगी लोकतांत्रिक जनता दल (लोजद) के प्रदेश अध्यक्ष वीरेंद्र कुमार की गिनती प्रसिद्ध समाजवादी नेताओं में की जाती थी और वह 1987 में विधानसभा के लिए तथा 1996 और 2004 में लोकसभा के लिए निर्वाचित हुए थे। उन्होंने केरल सरकार में श्रम मंत्री के तौर पर तथा केंद्र सरकार में श्रम राज्य मंत्री और वित्त राज्यमंत्री के तौर पर अपनी सेवाएं दी थी। वह श्री ई. के. नयनार (1987-1991) के शासनकाल में कुछ दिनों के लिए वन मंत्री भी बने थे, लेकिन पार्टी में मतभेद के कारण महज पांच दिन में ही अपने पद से इस्तीफा दे दिया था।
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने राज्यसभा के सांसद एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री एम. पी. वीरेन्द्र कुमार के निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया है। कोविंद ने माइक्रो ब्लॉगिंग नेटवर्क ‘ट्विटर’ पर शुक्रवार को लिखा, “राज्य सभा सांसद एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री एम. पी. वीरेन्द्र कुमार के निधन के बारे में सुनकर गहरा दु:ख हुआ है। वह निष्ठावान समाजवादी नेता थे, जिन्होंने प्रभावशाली मलयालम समाचार पत्र ‘मातृभूमि’ का नेतृत्व करते हुए पत्रकारिता और साहित्य जगत को भी समृद्ध बनाया।” राष्ट्रपति ने दिवंगत सांसद के परिजनों और शुभेच्छुओं के प्रति गहरी संवेदना जतायी है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने शोक संदेश में कहा, “ राज्यसभा सांसद एम.पी. वीरेंद्र कुमार जी के निधन से दुख हुआ। उन्होंने प्रभावशाली विधायक एवं सांसद के रूप में स्वयं को स्थापित किया था। वह गरीबों और वंचितों के लिए आवाज उठाने में विश्वास करते थे। उनके परिजनों और शुभचिंतकों के प्रति मेरी गहन संवेदनाएं। ओम शांति।”
वहीं राहुल गांधी ने कहा, “लेखक, मातृभूमि समूह के प्रबंध निदेशक एवं सांसद एम. पी. वीरेंद्र कुमार जी के निधन की खबर सुनकर मुझे बहुत दुख हुआ। उनके परिजनों, सहयोगियों और दोस्तों के प्रति मेरी गहन संवेदनाएं।”
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