नई दिल्ली। उधर चीन सिक्किम और लद्दाख की सीमा पर हेलिकॉप्टर ही उड़ाता रह गया इधर भारत ने चुपचाप ऐसी चोट मारी है जिससे उबरने में चीन को बरसों लग जायेंगे। चीन में काम कर रहीं 1000 हजार से ज्यादा कंपनियों को अपनी ओर खींच कर मोदी सरकार ने शी जिनपिंग की नींद हराम तो कर ही दी थी अब लोकल-वोकल, लोकल-ग्लोबल का नारा देकर चीन से आयात में भारी कमी के संकेत दे दिये। चीन में काम कर रही विदेशी कंपनियों को उखाड़ कर अपने यहां बसाने और आयात में कमी चीन पर ठीक वैसी ही आर्थिक स्ट्राइक है जैसी भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ सर्जिकल स्ट्राइक की थी। सर्जिकल स्ट्राइक में पाकिस्तान के भीतर घुस कर मारा था यहां भी चीन के भीतर घुसकर उसके उद्योग धंधों पर स्ट्राइक कर दी है। चीन मोदी के इस पैंतरे को हमेशा याद रखेगा। इस स्ट्राइक के बाद चीन सुधर जायेगा या फिर पाकिस्तान की तरह बर्बादी के कगार पर पहुंच जायेगा। चीन यह भी याद रखेगा कि उसने कोरोना के जरिए पूरी दुनिया को आर्थिक तौर पर पंगु बनाने की जो साजिश रची थी उसका जवाब भारत ही दे पाया।
दरअसल, चीन ने दुनिया में कोरोना फैलाकर पूरे विश्व को आर्थिक तौर पर पंगू बना दिया है। विश्व के लगभग 200 देश कोरोना के डर की वजह से लॉकडाउन लागू करने को मजबूर हो गए हैं, जिसकी वजह से विश्व आर्थिक मंदी के मुहाने पर आ खड़ा हुआ है। इसी मंदी को देखते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चीन को सबक सीखाने के लिए ऐसी आर्थिक स्ट्राइक कर दी, जिसके बारे में किसी ने सोचा भी नहीं था। पीएम मोदी बड़े ही सधे हुए अंदाज में ऐसी बात कह गए, जिसके बारे में शायद ही कोई सोच रहा होगा। उन्होंने देशवासियों से आह्वान किया कि वह वोकल होकर अब लोकल को अपनाए।मतलब साफ था कि मेड इन चाइना की जगह मेड इन इंडिया ही चलेगा। इसके बाद यह साफ हो गया कि जिस तरह से इस बार के बजट में भारत को मैन्युफैक्चरिंग हब बनाने का सपना देखा गया था, अब पीएम मोदी उसको आगे ले जाने को तैयार हैं। इसके लिए पीएम मोदी ने करीब 20 लाख करोड़ रुपये के आर्थिक पैकेज का भी ऐलान किया।
चीन पर ऐसे की सर्जिकल स्ट्राइक
पीएम मोदी ने देश के नाम संबोधन में साफ किया कि छोटे उद्योग ओर मजदूरों को देखते हुए एक बड़े आर्थिक पैकेज का जरूरत है। उन्होंने कहा कि इसके लिए सरकार की तरफ से 20 लाख करोड़ रुपये दिए जाएंगे। पीएम ने इसके बाद अपने देश की सप्लाई चेन को मजबूत करने का निर्देश दिया है। पीएम की इन बातों से साफ है कि देश में अब खुद अपनी जरूरतों का सामान बनाया जाए और उसको दुनिया में पहचान दिलाने की कोशिश की जाए। पीएम मोदी के इन वाकयों में निशाना चीन था। क्योंकि देश में अभी तक ज्यादातर सामान चीन से आता है और हम उसी के ऊपर निर्भर रहते हैं। लेकिन कोरोना के आने के बाद स्थिति बदल गई क्योंकि पीएम ने बताया कि जब कोरोना संकट शुरू हुआ, तब भारत में एक भी पीपीई (PPE) किट नहीं बनती थी। एन-95 मास्क का भारत में नाममात्र उत्पादन होता था। आज स्थिति ये है कि भारत में ही हर रोज 2 लाख PPE और 2 लाख एन-95 मास्क बनाए जा रहे हैं। जिसके बाद साफ है कि अगर भारत चाह ले तो वह अपने आप आत्मनिर्भर बन सकता है और चीन से आने वाले सामान को रोका जा सकता है। जिससे चीन को एक बड़ा झटका देकर अपनी अर्थव्यवस्था को मजबूत किया जा सकता है।प्रधानमंत्री ने याद दिलाया कि एक बार उन्होंने देशवासियों से खादी के प्रयोग की अपील की थी, जिसके बाद खादी की ब्रिकी और उत्पादन में रिकॉर्ड उछाल आया है। इसके साथ ही विश्व में भी खादी को एक नई पहचान मिली है। ऐसे में पीएम ने साफ कर दिया है कि आने चाले समय में भारत खुद आत्मनिर्भर बनकर देश को एक नई गति देगा।
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