काठमांडू। नेपाल में कोरोना महामारी से निपटने के लिए देशभर में लॉक डाउन चल रहा है। वहीँ पड़ोसी मुल्क नेपाल में भी लॉकडाउन घोषित है। जिसके चलते बड़ी संख्या में भारतीय कामगार वहाँ फंस गए है। जनपद के 23 मजदूर 24 मार्च से नेपाल के एक औद्योगिक इलाके में फंसे है। अब वहां के हालात रहने लायक नहीं बचे, लिहाजा मजदूरों ने वीडियो जारी कर प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री से किसी भी तरह घर भिजवाने की अपील की है। वीडियो में मजदूर किसी कमरे में एक ही जगह रह रहे हैं और बात करते वक्त रो रहे है, दिख रहे है।
यहां बता दें कि कोरोना वायरस की वजह से जनजीवन थम सा गया है, जो जहां है वही रुका हुआ है। ऐसे देश विदेश में फंसे लोगों को उनके घर तक पहुचाने के लिए केंद्र और यूपी सरकार निरंतर प्रयास कर रही है। वही नेपाल के बुड़बल के उद्योग क्षेत्र में फंसे मुरादाबाद जिले के 23 मजदूरों ने प्रधानमंत्री मोदी और मुख्यमंत्री योगी सरकार से एक वीडियो बनाकर गुहार लगाई है कि उनको देश वापस बुलाकर उनके घर तक पहुचा दो। यह सभी लोग नेपाल के बुड़बल के उद्योग क्षेत्र में मजदूरी करने गये हुए थे। लेकिन कोरोना वायरस की वजह से नेपाल में सारे उद्योग बंद है। जिसकी वजह से इन सभी मजदूरों के पास रहने, खाने और सोने की बड़ी समस्या हो रही है। एक मजदूर घर पहुचाने की गुहार लगाते हुए रोने लगा।
जब इन फंसे हुए मजदूर वसीम से फोन पर बात की तो उन्होंने बताया कि 24 फरवरी से पहले नेपाल गए थे। हम सभी लोग तांबे और पीतल की छिलाई और पॉलिश का काम करते है। सभी लोह मुरादाबाद के मुगलपुरा थाने के जामा मस्जिद और कटघर थाने के मकबरा क्षेत्र के रहने वाले हैं। एक व्यक्ति बिजनोर जिले के नगीना का रहने वाला है। यूपी के सोनोली नेपाल बॉर्डर से चौबीस किलोमीटर दूर बुडबल में सरकारी उद्योग क्षेत्र में रह रहे है। भारत मे जब लॉकडाउन लगा था उसके बाद नेपाल में 24 मार्च से लॉकडाउन लग गया था। जब जब भारत मे लॉकडाउन आगे बढ़ता है तभी नेपाल में भी लॉकडाउन आगे बढ़ जाता है। उद्योग क्षेत्र के एक सरकारी अधिकारी से बात हुई थी किसी तरह हम लोगों को भारत भेज दिया जाए। लेकिन अधिकारी का कहना था कि जब तक भारत और नेपाल में लॉकडाउन नही खुलता तब तक हम भारत नही जा सकते। अगर आपको भारत जाना है तो पैदल भारत बॉर्डर तक जा सकते हो। लेकिन हम लोगो को पैदल जाने में डर लग रहा है कि कही कोई पकड़ ना ले और कोई दूसरी मुसीबत खड़ी नही हो जाये। इस लिए हम सभी भारत सरकार और यूपी सरकार से गुहार लगाते है कि हम को किसी तरह से नेपाल से निकालकर भारत ले आये। हमारे पास अब 5 से 6 दिन का राशन बचा है। नेपाल सरकार भी खाने पीने के लिए कोई मद्दत नही कर रही है।
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