रविवार, 3 मई 2020

लॉक डाउनः मेट्रो की गति पर ब्रेक नहीं

नई दिल्ली। पूर्णबंदी के कारण दिल्ली मेट्रो की सेवाएं यात्रियों के लिए भले ही बंद हो लेकिन राजधानी की जीवन रेखा कही जाने वाली मेट्रो की ट्रेनों ने इस दौरान विभिन्न लाइनों पर 3500 से भी ज्यादा फेरे लगाये हैं। दिल्ली मेट्रो की विभिन्न लाइनों पर हर रोज एक अलग ट्रेन यात्रियों के बिना ही सुबह और शाम आरंभिक स्टेशन से लेकर गंतव्य तक पूरा फेरा लगाती है। यह कोशिश की जाती है कि सभी ट्रेनों को बारी बारी से इस्तेमाल किया जा सके। इसका उद्देश्य ट्रेनों का रख रखाव और उनकी मशीनरी तथा अन्य प्रणालियों को चालू हालत में रखना है जिससे कि पूर्णबंदी हटते ही ट्रेनों को यात्री सेवाओं के लिए तुरंत चलाया जा सके। एयरपोर्ट और द्वारका मोड़ से नजफगढ तक की ग्रे लाइन पर इसकी फ्रीक्वेंसी थोडी कम है। पूर्णबंदी शुरू होने के बाद से दो मई तक मेट्रो की विभिन्न ट्रेनें अब तक 3500 से अधिक फेरे लगा चुकी हैं।


दिल्ली मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन (डीएमआरसी) ने अपनी यात्रा के, एक और उपलब्धिपूर्ण वर्ष के समापन पर 26वां स्थापना दिवस मनाया। हालांकि कोरोना वैश्विक महामारी के मद्देनजर पूर्णबंदी के कारण इस अवसर पर औपचारिक समारोह नहीं मनाया जा सका। दिल्ली मेट्रो ने एक वक्तव्य जारी कर कहा कि भले ही गत 22 मार्च से सेवाएं यात्रियों के लिए स्थगित हैं लेकिन दिल्ली मेट्रो पूर्णबंदी के दौरान मेट्रो को दुरुस्त और तैयार रखने के लिए कई तरह की कवायद कर रही है ताकि लॉकडाउन खुलते ही मेट्रो सेवाओं को यथाशीघ्र बहाल किया जा सके।


पूर्णबंदी के समय का बेहतर उपयोग करते हुए 2000 ट्रेन कोचों की हीटिंग, वेंटीलेशन तथा एयर कंडीशनिंग (एचवीएसी) सिस्टम की सघन जांच की गई है तथा विशेष रसायन से 1200 कोचों की एचवीएसी सिस्टम की सफाई का अभियान पहली बार चलाया गया। सामान्य परिस्थितियों में ट्रेन की अनुपलब्धता की वजह से यह काम देरी से हो पाता। सामान्य दिनों में जब ट्रेन रोज 20 घंटे से ज्यादा समय तक यात्री सेवा में रहती है तो इस प्रकार का बड़ा काम हमेशा चुनौतीपूर्ण रहा है। इस तरह के सफाई अभियान से गर्मियों में बेहतर एयरकंडीशन वातावरण उपलब्ध हो सकेगा।


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