चंद्रकांत देवांगन
दुर्ग। लॉक डाउन की वजह से लोग पिछले दो महीने से अपने घरों में कैद हैं! ये लॉक डाउन बेबस असहाय, गरीब सहित कई लोगों के लिए आफत बन कर टूट पड़ा है! इन सबके बीच एक ऐसा वर्ग भी है, जिस पर इसकी सबसे ज्यादा मार पड़ी है, यह वर्ग समाज में सदा से ही उपेक्षित रहा है, जिसके रोजी-रोटी का जरिया दूसरों के घर मनाए जाने वाली खुशियों में नाच-गाकर, दुआएं देकर चलता है! हम बात कर रहे हैं किन्नरों की जिन्हें समाज के भीतर भिन्न-भिन्न नामों से भी पुकारा जाता है. लेकिन सरकार ने अब उन्हें एक सम्मान जनक नाम थर्ज जेंडर दे दिया है!
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