चंडीगढ़। कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने आज कहा कि कोविड-19 के उद्गम की जांच होनी चाहिए और पता लगाना चाहिए कि क्या यह प्राकृतिक जीव से आयी या लैब ड्रिवन थी। तिवारी ने यह इंडियन ओवरसीज कांग्रेस (आईओसी) को वीडियो कांफ्रेंस के जरिये संबोधित करते हुए कहा। उन्होंने कहा कि विश्व समुदाय अब तक कोविड-19 के उद्गम के लिए अंतरराष्ट्रीय जांच नहीं बिठा सकता है।
उन्होंने उम्मीद जताई कि भारत विश्व स्वास्थ्य संगठन के कार्यकारी बोर्ड की अध्यक्षता का इस्तेमाल विभिन्न देशों और संस्थाओं का अंतरराष्ट्रीय गठजोड़ बनाकर चीन को कोविड-19 के उद्गम की तह तक पहुंचने पर मजबूर करेगा। तिवारी ने यह भी कहा कि विश्व स्वास्थ्य संगठन समय पर चेतावनियां और यात्रा एडवाइजरी न देने व वायरस को नाम देने के मामले में चीन की मानना भी गलत था।
उन्होंने कहा कि इसी तरह मार्च में दुनिया भर में महामारी आतंक मचा रही थी पर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद को 21वीं सदी के इस सबसे भयावह मानवीय संकट पर चर्चा के लिए बैठक नहीं करने दिया गया क्योंकि चीन के पास परिषद की अध्यक्षता है। उन्होंने आरोप लगाया कि चीन के इस रवैये के कारण बीमारी को लेकर महामारी के प्रति वह वैश्विक प्रतिसाद नहीं रहा जो होना चाहिए था।
तिवारी ने कहा कि इसी तरह वैश्विक आर्थिक संकट के बाद बनाई गई जी-20 भी कुछ ठोस नहीं कर पाई। तिवारी ने कहा कि वैश्विक प्रशासन के एक नये ढांचे को कोविड-19 की तबाही से निकलने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि महामारी को लेकर प्रतिसाद पूरी तरह स्थानीय न भी कहें तो राष्ट्रीय, उप राष्ट्रीय रहा अर्थात हर राष्ट्र अपने लिए, हर राज्य-प्रांत अपने लिए और अंत में हर गांव व नगर अपने लिए सोचने पर मजबूर हुआ।
तिवारी ने सभी आईओसी अध्यक्षों से उन देशों से जहां वह रह रहे हैं, भारतीय एंबेसी-कंसुलेट से वहां फंसे व देश लौटने के इच्छुक लोगों की सूची प्राप्त करने को कहा। उन्होंने कहा कि इनकी वहां से निकासी में देर होगी इसलिए आईओसी अन्य भारतीय संस्थाओं से मिलकर इनकी आवश्यक मदद करे ताकि वह लोग भारत लौट सकें क्योंकि वहां कइयों के पास पैसे व जीवनावश्यक वस्तुओं की भी कमी का संकट है।
मनोज सिंह ठाकुर
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