देहरादून। उततराखंड की त्रिवेंद्र कैबिनेट ने कृषि उपज एव पशुधन संविदा एवं खेती सेवाएं अधिनियम 2017 को स्वीकृत कर दिया है। केंद्र सरकार के अधिनियम को उत्तराखंड सरकार ने अपनाया लिया है। उद्योगों के लिए बायलर अधिनियम में जांच की व्यवस्था में संसोधन 31- 05- 2020 तक जांच में राहत की मांग का आया प्रस्ताव भी आया था। इसे स्वीकार करते हुए सरकार ने 30 जून तक किसी भी व्यवस्था इलाज करा सकने की इजाजत दे दी। कैबिनेट में सबसे पहले पीएम मोदी को देश के लिए 20 लाख करोड़ के आर्थिक पैकेज की घोषणा पर आभार जताया। कैबिनेट ने विशेष श्रेणी के बिजली उपभोक्ताओं को बड़ी राहत प्रदान करते हुए अब इस श्रेणी के के तहत, फिक्स जार्च में छूट मिलेगी। 6 करोड़ रुपये फिक्स चार्ज विशेष श्रेणी के उपभोक्ताओं पर 3 महीने का आएगा, जिसे राज्य सरकार वहन करेगी। 20 हजार किसानों को ट्यूबवेल की फिक्स चार्ज पर भी 3 महीने तक के लिए छूट दे दी गई है। व्यावसायिक उपभोक्ताओं के भी तीन महीने का फिक्स चार्ज माफ किया गया है। आर्थिक नुकसान को लेकर इंदु कुमार पांडेय की रिपार्ट कैबिनेट में पेश की गई। बैठक में चिकित्सा शिक्षा एवं परिवार कल्याण विभाग में लिपकीय संवर्ग का एकीकरण अब तक जिला संवर्ग और निदेशालय संवर्ग के लिपकीय संवर्गके तहत आता था।
जानकारी देते हुए सरकारी प्रवक्ता मदन कौशिक ने बताया कि 57,496 लोग सरकारी सुविधा से घर पहुंच चुके हैं। अपने निजी वाहनों से भी हजारों की संख्या में लोग अपने घरों को पहुंचे हैं। उन्होंने बताया कि सिक्किम से भी दस लोग उत्तराखंड पहुंचे। घर वापसी के लिए सबसे ज्यादा आवेदन दिल्ली और मुंबई से मिले हैं। कैबिनेट ने चिकित्सा शिक्षा विभाग में जिलों से निदेशालय में आने वालों को राहत देते हुए 655 पदों के एकीकरण के प्रस्ताव को हरी झंडी दिखा दी है। अब उन्हें अब प्रमोशन और अन्य सुविधाओं का लाभ भी मिल सकेगा। उन्होंने बताया कि ग्रीन ज़ोन में राहत को लेकर केंद्र के निर्देशों का इंतज़ार हो रहा है। राज्य ने केंद्र को अपने सुझाव भेज दिए हैं। उन्होंने कहा कि धार्मिक यात्रा को लेकर केंद्र के निर्देशों पर होगा काम ही काम किया जाएगा।
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