नई दिल्ली। दिल्ली उच्च न्यायालय को शुक्रवार को सूचित किया गया कि आम आदमी पार्टी की सरकार ने तबलीगी जमात के उन सदस्यों को रिहा करने का फैसला किया है जिन्होंने आवश्यक पृथक-वास अवधि पूरी कर ली है और जिनमें कोरोना वायरस के लक्षण नहीं हैं। एक याचिका पर सुनवाई के दौरान यह हलफनामा दिया गया। याचिका में मांग की गई थी कि तबलीगी जमात के करीब 3300 सदस्यों को रिहा किया जाए जिन्हें करीब 40 दिनों से अलग-अलग पृथक-वास केंद्रों में रखा गया है और कोविड-19 की रिपोर्ट नेगेटिव आने के बावजूद उन्हें छुट्टी नहीं दी जा रही है। मुख्य न्यायाधीश डी. एन. पटेल और न्यायमूर्ति सी. हरिशंकर की पीठ ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये सुनवाई की। सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता के वकील ने कहा कि वे याचिका को वापस लेना चाहते हैं क्योंकि दिल्ली सरकार ने तबलीगी जमात के ऐसे सदस्यों को रिहा करने का निर्णय कर लिया है जिनमें कोविड-19 के लक्षण नहीं हैं।
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