नई दिल्ली। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सोमवार को कहा कि उनका मंत्रालय सीमा पर नजर आने वाले दुश्मन के साथ ही कोरोना वायरस जैसे अदृश्य दुश्मन से निपटने के लिए तैयार है।
राजनाथ ने कहा- भारत को सैन्य उपकरणों के निर्माण में आत्मनिर्भर बनना चाहिए। राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस के अवसर पर आयोजितः ऑनलाइन समारोह को संबोधित करते हुए राजनाथ सिंह ने कहा कि भारत को सैन्य उपकरणों के निर्माण में निश्चित रूप से आत्मनिर्भर बनना चाहिए और सरकार इसके लिए एक नीतिगत ढांचा बनाकर घरेलू रक्षा उद्योग को समर्थन दे रही है। भारत ने 11 मई 1998 को पोखरण में परमाणु परीक्षण किया था, उसी दिन को याद करने के लिए हर साल 11 मई को राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस मनाया जाता है, स्वदेशी प्रौद्योगिकी हासिल करने का प्रतीक भी है।
राजनाथ सिंह ने कहा- रक्षा मंत्रालय देश के सभी दुश्मनों को ध्वस्त करने के लिए प्रतिबद्ध। राजनाथ सिंह ने कहा, 'मैं अपने देश के लोगों को भरोसा दिलाना चाहता हूं कि रक्षा मंत्रालय देश के सभी दुश्मनों को ध्वस्त करने के लिए प्रतिबद्ध है, चाहें वो शत्रु सीमा पर नजर आने वाले हों या कोरोना वायरस जैसे नजर नहीं आने वाले दुश्मन हों।'
डीआरडीओ ने कोविड-19 के खिलाफ जंग में 50 से ज्यादा उत्पाद तैयार किए। उन्होंने आगे कहा, 'रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) ने कोविड-19 के खिलाफ जंग में पिछले तीन-चार महीने में बायो-सूट, सैनिटाइजर डिस्पेंसर, पीपीई किट्स इत्यादि समेत 50 से ज्यादा उत्पाद तैयार किए हैं।' उन्होंने कहा कि हमारे रक्षा उद्योग की अदम्य भावना के चलते रिकॉर्ड समय में इन उच्च गुणवत्ता वाले उत्पादों को बड़े पैमाने उत्पादन का संभव हो सका है। रक्षा उत्पादन के क्षेत्र में देश को आत्मनिर्भर बनाने के लिए सरकार ने नीतिगत ढांचा तैयार किया। रक्षा मंत्री ने कहा कि सरकार ने घरेलू रक्षा उत्पाद के नए लक्ष्य निर्धारित किया है और इसे हासिल करने के लिए 'सही' नीतिगत ढांचा तैयार किया है। हमारा हमेशा यह मानना है कि स्वदेशी प्रौद्योगिकी और स्वदेशी उत्पाद का कोई विकल्प नहीं है। हम सही मायने में तभी पूरी तरह से आत्मनिर्भर बन पाएंगे, जब भारत प्रौद्योगिकी के आयातक देश से निर्यातक देश बन जाएगा।
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