लंदन। कोरोना वायरस महामारी की वजह से ब्रिटेन में सात लाख लोगों की मौत हो सकती है। यूनिवर्सिटी ऑफ ब्रिस्टल के अध्ययन के अनुसार ब्रिटेन में सात लाख लोग इस जानलेवा वायरस से जान गंवा सकते हैं। यह संख्या द्वितीय विश्व युद्ध में हुई मौतों से भी ज्यादा है। यूनिवर्सिटी ऑफ ब्रिस्टल के अध्ययन में कहा गया है कि मंदी, गरीबी और लापरवाही की स्थिति में यह आंकड़ा बढ़ भी सकता है। शोधकर्ताओं का अनुमान है कि बिना वैक्सीन के ब्रिटेन को कोविड-19 को हराने के लिए 2024 तक सोशल डिस्टेंसिंग के लिए मजबूर होना पड़ सकता है।
शोधकर्ताओं ने कहा कि लॉकडाउन की वजह से मंदी भी आ सकती है। ऐसे में कोरोना वायरस, खराब स्वास्थ्य प्रणाली और गरीबी की वजह से पांच साल में 6.75 लाख लोगों की मौत हो सकती है। यूनिवर्सिटी में रिस्क मैनेजमेंट के प्रोफेसर फिलिप थॉमस ने कहा कि लॉकडाउन से धीरे-धीरे बाहर आने की नीति तभी प्रभावी है जब हम संक्रमण की दर एक से नीचे रखने में कामयाब होंगे। मंदी की स्थिति में गरीबी से भी उतनी ही मौतें होंगी, जितनी कोरोना से।
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