विपिन बंसल
नई दिल्ली। डेढ़ महीेने के इंतजार के बाद जब आज सुबह शराब की दुकानें खुली, तो भीड़ ऐसे टूटी, मानों खैरात बंट रहा हो। कोई तड़के चार बजे से कतार में खड़ा हो गया। तो कोई सुबह से 5 बजे से ही मोर्चे पर डट गया। ना भूख की परवाह और ना धूप की। बस अनुशासित सिपाही की तरह बनाये गोले पर सुबह से ही जम गया। हालांकि इस समर्पण के बाद कईयों को तो शराब नसीब हो गयी। लेकिन कई ऐसे भी लोग थे जो सुबह तीन-चार बजे से कतार में रहने के बाद भी मायूस होकर घर लौटने को मजबूर हो गये। दरअसल रविवार दोपहर राज्य सरकार ने शराब दुकान के संचालन का आदेश जारी तो कर दिया था, लेकिन साथ ही सोशल डिस्टेंसिंग के पालन के सख्त निर्देश भी जारी किये थे, लिहाजा कई दुकानों में सोशल डिस्टेंसिंग के मद्देनजर व्यवस्थाएं नहीं की जा सकी। ऐसे में उन दुकानों को व्यवस्था दुरुस्त किये बगैर शराब दुकान खोलने की इजाजत नहीं दी गयी।
राष्ट्रीय राजधानी नई दिल्ली स्थित उत्तर पूर्वी दिल्ली में शराब की दुकानों का आलम बहुत बुरा था। भीड़ बेकाबू हो जाने के कारण प्रशासन के द्वारा दुकानों के शटर गिरा दिए गए। हालांकि कई राज्यों से इसी प्रकार के इनपुट मिल रहे हैं। पब्लिक ने अपना आपा खो दिया है। जिस को संयमित करने के लिए प्रशासन जीत और प्रयास कर रहा है। हरियाणा, पंजाब, छत्तीसगढ़, झारखंड, राजस्थान आदि राज्यों में समान स्थिति रही। शराब दुकान का संचालक नहीं किया जा सका। सुबह यहां 3 बजे से ही भीड़ जुटनी शुरू हो गयी थी, सुबह 7 बजते-बजते लोगों की लंबी कतारें यहां सज चुकी है, लेकिन सुबह 10 बजे से NPG की टीम मौके पर पहुंची तो दुकानें नहीं खुली थी, लिहाजा लोगों में जबरदस्त गुस्सा भी यहां देखा गया। वही आलम माना और देवपुरी में भी देखने को मिला, जहां सुबह से कतार में खड़े होने के बावजूद लोगों को सुबह 8 बजे से दुकान नहीं खुलने के बाद अफसोस के साथ वापस लौटना पड़ा। दुकान में पहुंचे लोगों से जब NPG की टीम ने बात की तो मालूम चला कि कई लोग शराब के लिए लंबे समय से पैसे को बचाकर रखे थे…तो कईयों ने बताया कि इसके लिए उसने उधार ली है। इनमें से कुछ ऐसे भी थे, तो सुबह दुकान खुलने की आस में रात भर सो ही नहीं पाये।
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