लगातार पत्रकारों को आरटीटाई में झूठी जानकारी दे रहे है पान सिंह
लखीमपुर-खीरी। साथियों 24 मई को मुझे कोतवाली परिसर में कोतवाल की मौजूदगी में वहां बैठे चंद्र पत्रकार जो 10 घंटे कोतवाली में व्यतीत कर अपनी दुकान चला रहे हैं। उन्हीं के सामने इस्पेक्टर पान सिंह ने मुझे अपमानित किया जिससे मैं काफी आहत हुई मानसिक रूप से टूटी लेकिन उससे ज्यादा इस बात से आहत हूं की पान सिंह द्वारा लगातार फोन पर बात करने वाले पत्रकारों से यह बताया जा रहा है कि मोहल्ला हिदायत नगर कि मैं रहने वाली हूं मेरे रिपोर्टर हिदायत नगर के है जो सरसर गलत है अगर मैं या मेरे रिपोर्टर हिदायत नगर के रहने वाले है तो जो चाहे सजा दी जाये। मुझे कुबूल है फिर यह कहा जा रहा है कि मैं अपने रिपोर्टर के साथ अंदर गई जो गलत है मैं अकेले महिला सिपाही के साथ उनके बुलावे पर उनके साथ अंदर गई थी कोई रिपोर्टर अंदर नहीं गया।अगर यह कोतवाल साहब कह रहे हम कोतवाली में नहीं थे जो गलत है चाटुकार पत्रकारों ने मेरी व्यक्तिगत जिंदगी पर कटाक्ष कर मेरा मजाक उड़ाया मैने सह लिया लड़की होकर कितनी पीड़ा सहूंगी लड़की होने की सजा इससे ज्यादा नहीं भुगत सकती मैं पूरे साक्ष्यों के आधार पर और लाख डाउन का पालन करते हुए मैं यह बात कह रही हूं मैंने लाक डाउन का पूरा पालन किया आगे भी धरना ज्ञापन देने का कोई भी मन नहीं है कि लाकडाऊन का उल्लंघन भी हो सकता है।मैने खबरों में भी लाकडाऊन का उल्लंघन न हो प्रथम वरीता दी अपील की लाकडाऊन का पालन करें। मुझे कई जिलों से कोरोना योद्धा के रूप में सम्मानित पत्र भी दिया गया। अगर आज मैं गलत होती तो पूरे प्रदेश से इस तरह से इस तरह का समर्थन नहीं मिलता कोतवाल साहब अपने को बचा रहे हैं पान सिंह अपने को बचा रहे हैं जांच आएगी विभागीय अधिकारी ही करेगा एक दूसरे को बचाने की परंपरा चलेगी जिसका शिकार मैं काफी दिनों से हूं और फिर होऊंगी। वहां पर बैठने वाले पत्रकारो से यह पूछना चाऊगी की दूसरे पर कीचड़ उछालने से पहले अपने दामन को भी देख लेना चाहिए छींटे जरूर आई होगी। अतं में यही कहना चाहूंगी कि पुलिस झूठे आरोप लगाना बंद करे जांच में मैं सारी आईडी व सुबूत रख दूंगी मैं गलत हूँ तो मुझे कड़ी से कड़ी सजा दी जाये मुझको अपमानित करने के बाद झूठे आरोप न लगाएं जाए।
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