नई दिल्ली। करीब 10 राज्यों में किसानों के लिए खतरा बन चुके टिड्डी को नियंत्रण के लिए आखिर मोदी सरकार क्या कर रही है। कैसे इसके नियंत्रण की योजना बनी है। शुक्रवार को दिन भर लोकस्ट वार्निंग आर्गेनाइजेशन के अधिकारी कृषि भवन में मंथन करते रहे। बताया गया है कि सरकार ने कृषि यांत्रिकीकरण उप-मिशन के तहत करीब 800 ट्रैक्टर इसके स्प्रे के लिए किराए पर लिए हैं। सूत्रों का कहना है कि हेलिकॉप्टरों से भी कीटनाशक का छिड़काव किया जा सकता है।
केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने भी टिड्डी नियंत्रण अभियान की समीक्षा की है। एक पखवाड़े के भीतर ब्रिटेन से 15 स्प्रेयर खरीदे जाएंगे। इसके बाद 45 और स्प्रेयर खरीदने का प्लान है. हेलीकाप्टर का भी इस्तेमाल किया जा सकता है. केंद्रीय कृषि राज्य मंत्री कैलाश चौधरी के मुताबिक ऊंचे पेड़ों और दुर्गम स्थानों पर कीटनाशकों के छिड़काव के लिए ड्रोन की तैनाती की जाएगी. इसके लिए डीजीसीए ने मंजूरी दे दी है। नरेंद्र सिंह तोमर का कहना है कि राज्यों के साथ मिलकर सभी आवश्यक कदम उठाए जा रहे हैं। राज्यों को एडवायजरी जारी की जा चुकी है. क्षेत्रवार 11 टिड्डी नियंत्रण कक्ष स्थापित कर विशेष दलों की तैनाती की गई है। वाहनों, ट्रैक्टरों और कीटनाशकों की खरीद के लिए 14 करोड़ रुपये की वित्तीय सहायता राजस्थान को दी गई है। गुजरात को 1.80 करोड़ रुपये देने का प्रस्ताव पास हुआ है।
प्रभावित क्षेत्र
केंद्रीय कृषि मंत्रालय के अधिकारियों के मुताबिक अब तक मध्यप्रदेश के मंदसौर, नीमच, उज्जैन, रतलाम, देवास, आगर मालवा, छतरपुर, सतना व ग्वालियर, राजस्थान के जैसलमेर, श्रीगंगानगर, जोधपुर, बाड़मेर, नागौर, अजमेर, पाली, बीकानेर, भीलवाड़ा, सिरोही, जालोर, उदयपुर, प्रतापगढ़, चित्तौडगढ़, दौसा, चुरू, सीकर, झालावाड़, जयपुर, करौली एवं हनुमानगढ़, गुजरात के बनासकांठा और कच्छ, उत्तरप्रदेश में झांसी और पंजाब के फाजिल्का जिले में 334 स्थानों पर 50,468 हेक्टेयर क्षेत्र में हॉपर और गुलाबी झुंडों को नियंत्रित किया गया है। वर्तमान में राजस्थान के दौसा, श्रीगंगानगर, जोधपुर, बीकानेर, म.प्र. के मुरैना और उ.प्र.के झांसी में अपरिपक्व गुलाबी टिड्डियों के झुंड सक्रिय हैं।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें
Thank you, for a message universal express.