प्रयागराज। इलाहाबाद विश्विद्यालय के एक प्रोफ़ेसर भी दिल्ली के निजामुद्दीन मरकज में हुए तबलीगी जमात के कार्यक्रम में शामिल हुए थे। बुधवार रात पुलिस ने उन्हें ट्रेस कर करेली के महबूबा गेस्ट हाउस में क्वारेंटाइन कर दिय।बताया जा रहा है कि प्रोफ़ेसर जमात से लौटने के बाद इलाहाबाद विश्विद्यालय में चल रही परीक्षा के दौरान कक्ष नियंत्रक के तौर पर ड्यूटी भी की थी। कहा जा रहा है कि जमात से लौटने के बाद वह बड़ी तादाद में लोगों से सामूहिक औऱ व्यक्तिगत रूप से मिलते भी रहे। अब जिला प्रशासन और स्वस्थ्य विभाग सभी का पता लगाने में जुटी है, जो इस प्रोफेसर के संपर्क में आए थे।
साथ ही प्रोफ़ेसर के खिलाफ जानकारी छुपाने के आरोप में मुकदमा भी दर्ज किया गया है। आरोप है कि इलाहाबाद विश्वविद्यालय के प्रोफेसर ने महामारी से जुड़ी प्रोटोकॉल और सरकार द्वारा ज़ारी क़ी गई एडवाइजरी का भी पालन नहीं किया। पीएम नरेंद्र मोदी औऱ सीएम योगी आदित्यनाथ की अपील के बावजूद जिला प्रशासन से जानकारी छुपाते रहे। प्रोफ़ेसर के जमात में शामिल होने की सूचना पर विश्विद्यालय औऱ जिला प्रशासन में मचा हड़कम्प हुआ है। जिला प्रशासन ने प्रोफ़ेसर और उनकी पत्नी को बुधवार देर रात क्वारेंटाइन सेन्टर भेज दिया. साथ ही जानकारी छुपाने के आरोप में महामारी एक्ट सहित विभिन्न धाराओं में शिवकुटी थाने में आरोपी प्रोफेसर के खिलाफ मुकदमा भी दर्ज किया गया है। करैली थाना क्षेत्र के महबूबा गेस्ट हाउस में प्रोफ़ेसर और उनकी पत्नी को क्वारेंटाइन किया गया है। पुलिस के मुताबिक, 6 से 10 मार्च के बीच दिल्ली के निजामुद्दीन मरकज में तब्लीगी जमात के कार्यक्रम में प्रोफ़ेसर शामिल हुए थे। गुरुवार को प्रोफ़ेसर और उनकी पत्नी का सैंपल जांच के लिए भेजा जाएगा। एसपी सिटी बृजेश श्रीवास्तव ने बताया कि प्रोफेसर से पहले भी पूछताछ की गई थी, लेकिन उन्होंने जमात में शिरकत करने से इन्कार कर दिया था. बुधवार रात कुछ साक्ष्य मिले तो उनसे दोबारा पूछताछ की गई।
बृजेश केसरवानी
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