बुधवार, 8 अप्रैल 2020

विरोध के बाद ट्रंप के बदले सुर

वाश‍िंगटन। अमेरिकी राष्‍ट्रपति डोनाल्‍ड ट्रंप ने हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन दवा के निर्यात को मंजूरी देने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को महान नेता बताया है। ट्रंप ने कहा कि पीएम मोदी महान हैं और बहुत अच्‍छे हैं। कोरोना वायरस की मार से बेहाल अमेरिका के राष्‍ट्रपति ने कहा कि अमेरिका ने 29 मिलियन दवा की डोज खरीदी है। इसमें से ज्‍यादातर दवा भारत से मिलेगी। अमेरिकी राष्‍ट्रपति ने फॉक्‍स न्‍यूज से बातचीत में कहा कि भारत ने अपने नागरिकों को बचाने के लिए दवा के निर्यात पर प्रतिबंध लगाया था। उन्‍होंने कहा कि पीएम मोदी महान हैं और बहुत अच्‍छे हैं। भारत से अभी बहुत अच्‍छी चीजें आनी बाकी हैं। उन्‍होंने कहा कि अमेरिका ने कोरोना वायरस से जंग के लिए हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन की 29 मिलियन डोज खरीदी है। इसमें से बड़ी तादाद में दवा भारत से आएगी।


इससे पहले ट्रंप ने संकेत दिया है कि अगर भारत ने हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन दवा के निर्यात पर से प्रतिबंध नहीं हटाया तो अमेरिका कार्रवाई पर विचार कर सकता है। हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन का इस्‍तेमाल कोरोना वायरस से संक्रमित मरीजों के इलाज में किया जा रहा है। इससे पहले ट्रंप ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से इस दवा के लिए गुहार लगाई थी। व्‍हाइट हाउस में संवाददाताओं से बातचीत में ट्रंप ने कहा था कि भारत ने अमेरिका के साथ बहुत अच्‍छा व्‍यवहार किया है और मैं समझता हूं कि इस बात के कोई कारण नहीं हैं कि भारत अमेरिकी दवा के ऑर्डर पर से बैन नहीं हटाएगा। ट्रंप ने कहा, ‘मैंने यह नहीं कहीं सुना कि यह उनका (पीएम मोदी) का फैसला था। मैं जानता हूं कि उन्‍होंने इस दवा को अन्‍य देशों के निर्यात के लिए रोक लगाई है। मैंने उनसे कल बात की थी। हमारी बातचीत बहुत अच्‍छी रही। भारत ने अमेरिका के साथ बहुत अच्‍छा व्‍यवहार किया है।’


भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने इसके बाद उठे विवाद पर कहा कि यह किसी भी सरकार का दायित्व होता है कि पहले वह सुनिश्चित करे कि उसके अपने लोगों के पास दवा या इलाज के हर जरूरी संसाधन उपलब्ध हों। इसी के मद्देनजर शुरू में कुछ एहतियाती कदम उठाए गए थे और कुछ दवाओं के निर्यात को प्रतिबंधित किया गया था। भारत ने सोमवार को 14 दवाओं पर लगे प्रतिबंध को हटा दिया है। हालांकि पैरासिटामोल और हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन दवा लाइसेंस कैटेगरी में रहेगी और उसकी मांग पर लगातार नजर रखी जाएगी। लेकिन अगर मांग के अनुरूप आपूर्ति रही तो फिर कुछ हद तक निर्यात की अनुमति दी जा सकती है।


विदेश मंत्रालय ने यह भी कहा कि कोरोनावायरस महामारी के समय भारत ने हमेशा कहा है कि ऐसे कठिन हालात में पूरे विश्व को एक होकर इससे लड़ना होगा। इसमें मानवीय पहलू के बारे में भी सोचना होगा। भारत ने कहा कि वह इन दवाओं को उन जरूरतमंद देशों को भी भेजेगा जो इस बीमारी से सबसे अधिक ग्रसित हैं। विदश मंत्रालय ने कहा कि ऐसे कठिन परिस्थिति में किसी तरह के अनर्गल विवाद को खड़ा नहीं किया जाना चाहिए।


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