प्रयागराज। कोरोना (कोविद-19) वैश्विक महामारी को देखते हुए अखिल भारतीय पंचायत परिषद (उ0प्र0) के राष्ट्रीय अध्यक्ष मा0 सुबोध कांत सहाय व प्रदेश अध्यक्ष अशोक जादौन की अपील पर संगठन से जुड़े सभी ग्राम प्रधानों ने एक माह का मानदेय मुख्यमंत्री कोष में जमा करने का निर्णय लिया। संगठन की अपील और ग्राम विकास सचिव राज कुमार सिंह के कहने पर ग्राम पंचायत कसेरूआ कलां, विकास खण्ड बहादुरपुर, तहसील फूलपुर, जनपद प्रयागराज के ग्राम प्रधान लक्ष्मी चन्द्र गुप्ता ने स्वीकृति दे दी। मुख्यमंत्री कोष में मानदेय जमा करने के लिए ग्राम सचिव कसेरूआ कलां ने पड़ोस के गांव महरौड़ा के सचिव दिनेश प्रताप सिंह के पास जानबूझकर मिलीभगत कर मानदेय का भुगतान करा लेने के लिए भेज दिया और कहा कि अपना डोगल देकर आप मानदेय का भुगतान करा लीजिए। ग्राम प्रधान लक्ष्मी चन्द्र गुप्ता ने दिनेश प्रताप सिंह के पास जाकर अपना डोगल दे दिया। ग्राम प्रधान के मानेदय के भुगतान के बजाय दिनेश प्रताप सिंह व राज कुमार सिंह की मिलीभगत होने के कारण दिनेश प्रताप सिंह ने कसेरूआ कलां ग्राम पंचायत निधि के खाते से 952602 (नौ लाख, बावन हजार, छः सौ दो रूपयें) फर्म यूनिक एंटर प्राइजेज एवं सुपर कन्ट्रक्सन में खातें में कर लिया। यह दोनो फर्म शकील अहमद फारूकी तकनीकी सहायक वि0खं0 बहादुरपुर के परिवार रिश्तेदार की है। ग्राम पंचायत कसेरूआ कलां का समस्त निर्माण कार्य श्री सिद्ध विनायक ट्रेडर्स से निर्माण सामाग्री लेकर कराया गया है। निर्माण कार्य में प्रयुक्त ईट का पैसा छोड़कर सभी भुगतान सिद्ध विनायक ट्रेडर्स को होना चाहिए था।
ग्राम पंचायत सचिव कसेरूआ कलां राज कुमार सिंह, ग्राम पंचायत सचिव महरौड़ा दिनेश प्रताप सिंह एवं शकील अहमद फारूकी ने साढ़गाढ़ कर ग्राम पंचायत कसेरूआं कला के खाते से कूटरचना, हेराफेरी व जालसाजी करते हुए बेइमानी और कपटपूर्ण तरीके से लाभ प्राप्त करने के लिए ग्राम प्रधान कसेरूआं कला लक्ष्मी चन्द्र गुप्ता की सहमति के बेगैर सरकारी धनराशि का भुगतान अपने चाहने वाले फर्म यूनिक एंटरप्राइजेज व सुपर कन्ट्रक्शन में कर लिया। जबकि कोरोना वैश्विक महामारी के चलते दो जून की रोटी के लिए परेशान गांव के मजदूरों के पारिश्रमिक का भुगतान न करके उक्त लोगों ने फर्म को अवैध तरीके से लाभ पहुंचाने का कार्य किया है। पूरे मामले की उच्चस्तरीय जांच कराकर दोषियों के विरूद्ध कार्यवाही किये जाने और फर्जी तरीके से कागजों पर संचालित हो रही फर्मो द्वारा की जा रही कर की चोरी की जांच कराया जाना न्यायहित में है।
रिपोर्ट- बृजेश केसरवानी
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