मोदी राज में लॉक डाउन का नियम केवल गरीबो पर
यहां कानून और नियम आम लोगों के लिए अलग और वीवीआईपी लोगों के लिए अलग है।
ओम माथुर
बैंगलुरू। ये देश और हर खतरे से ऊपर हैं। हो भी क्यों नहीं ? नेताओं की जमात से है और कोढ में खाज कि पिताजी देश के प्रधानमंत्री रहे हैं और बेटे कर्नाटक के मुख्यमंत्री। लेकिन फिर भी इन्हें ये पता नहीं कि कोरोना संक्रमण के चलते देशभर में लोक डाउन चल रहा है और सोशल डिस्टेसिंग की पालन पर जोर दिया जा रहा है।
लेकिन पूर्व प्रधानमंत्री एच डी देवगौड़ा के पोते एवं कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री कुमारस्वामी के पुत्र का आज बेंगलुरु में कांग्रेस नेता एम कृष्नाप्पा की बेटी के साथ धूमधाम से विवाह हुआ और इसमें कई लोगों ने शिरकत कर सोशल डिस्टेंसिंग की धज्जियां उडा दी है। ऐसे समय में जब आम आदमी लाकडाउन के कारण घरों में कैद है या परिवहन के साधन बंद होने से देश में यहां वहां फंसे पड़े हैं,बड़े नेताओं को तो अपनी करनी से उनके सामने मिसाल कायम करनी चाहिए लेकिन जब यही लोग कानून का उल्लंघन करेंगे तो आम आदमी में क्या संदेश जाएगा? हमारे देश का यह दुर्भाग्य है कि यहां कानून और नियम आम लोगों के लिए अलग और वीवीआईपी लोगों के लिए अलग है। आम आदमी की छोटी सी गलती उसे हवालात में पहुंचा देती है, तो बड़े लोग बड़ी से बड़ी गलती करके भी आसानी से बचे रह सकते हैं ।
जब देश में आम आदमी के घरों की हजारों शादियां स्थगित हो चुकी है, तो क्या देवगौडा अपने पोते की शादी को टाल नहीं सकते थे या सिर्फ परिवार के दो चार सदस्यों के बीच करके देश के सामने उदाहरण पेश नहीं कर सकते थे? अब सवाल यह भी है कि क्या कर्नाटक की भाजपा सरकार इस मामले को गंभीरता से लेते हुए देवेगौड़ा व कुमार स्वामी सहित शादी में शामिल वीवीआईपी लोगों पर मुकदमा दर्ज करने की हिम्मत दिखाएगी?जैसा कि लाक डाउन व सोशल डिस्टेंसिंग की अवहेलना करने वाले आम लोगों पर दर्ज किए जा रहे हैं।
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