फ्रांस के रिसर्चर्स ने ट्रायल की मांगी अनुमति
फ्रांस में कोरोना से 21 हजार से ज्यादा की मौत
पेरिस। फ्रांस में हुई एक ताजा रिसर्च के मुताबिक, निकोटीन लोगों को कोरोनोवायरस से बचा सकता है. पेरिस के एक शीर्ष अस्पताल के शोधकर्ताओं ने 343 कोरोनोवायरस रोगियों की जांच की, जिसमें से 139 लोगों में बीमारी के हल्के लक्षण देखने को मिले थे। रिसर्च टीम में शामिल जाहिर अमौरा ने बताया कि इनमें से सिर्फ पांच फीसदी लोग धूम्रपान करते थे। पिछले महीने इंग्लैंड के एक जर्नल में छपी रिसर्च के अनुसार, चीन में कोरोना की चपेट में आए 1000 लोगों में 12.6 फीसदी लोग धूम्रपान करते थे। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार, चीन के मरीजों की अनुमानित जनसंख्या के मुकाबले धूम्रपान करने वालों की संख्या कम है। रिसर्च के अनुसार, निकोटीन वायरस को कोशिकाओं में पहुंचने से रोक सकता है, इसलिए वह इसे शरीर में फैलने से रोकता है। रिसर्चर्स को अब फ्रांस के स्वास्थ्य विभाग से इसके क्लिनिकल ट्रायल के लिए अनुमति मिलने का इंतजार है। वह लोग पेरिस के पिटी सलपेट्रिअर अस्पताल के स्वास्थ्यकर्मियों पर निकोटीन पैच का इस्तेमाल करने की योजना बना रहे हैं, जहां से इस रिसर्च की शुरूआत हुई थी। वह देखना चाहते हैं कि क्या यह पैच स्वास्थ्यकर्मियों को कोरोना के संपर्क में आने से बचा रहे हैं। उन्होंने अस्पताल में भर्ती मरीजों के शरीर पर भी इन पैच का इस्तेमाल करने की मांग की है ताकि वह इसके नतीजों को बारीकी से जान सकें। रिसर्चर्स ने साफ किया है कि उनकी रिसर्च का मकसद लोगों को धूम्रपान करने के लिए प्रोत्साहित करना हरगिज नहीं है। सिगरेट में पाया जाने वाला निकोटीन कोरोनावायरस से लड़ सकता है लेकिन निकोटीन शरीर को भी नुकसान पहुंचाता है।
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