लखनऊ। उत्तर प्रदेश सरकार ने नगरीय निकायों में 14वें वित्त आयोग की संस्तुतियों के क्रम में अन्तरित की गई धनराशि का उपयोग करने की समय-सीमा 31 जुलाई तक बढ़ा दी गई है। राज्य के मंत्री नगर विकास विभाग आशुतोष टंडन ने इस विषय में आज यहां समीक्षा के बाद यहां यह जानकारी दी।
उन्होंने बताया कि समीक्षा के बाद यह संज्ञान में लिया गया कि कोविड-19 के संक्रमण के कारण उत्पन्न स्थिति के दृष्टिगत वित्तीय वर्ष 2019-20 की समाप्ति की तिथि 31 मार्च तक निकायों द्वारा उपरोक्त धनराशि का उपयोग पूर्ण रूप से नहीं किया जा सका। वर्ष 2019-20 में 14वें वित्त आयोग के तहत निकायों को विकास कार्यों कराये जाने के लिए दो किस्तों में लगभग 2456 करोड़ की धनराशि राज्य सरकार द्वारा अवमुक्त की गई है।
उन्होंने बताया कि निकायों द्वारा उपरोक्त धनराशि का उपयोग अवस्थापना सुविधाओं के विकास जैसे कि पेयजल सम्बंधी परियोजना, ठोस अपशिष्ट का प्रबंधन, सम्पर्क मार्ग का निर्माण एवं मार्ग प्रकाश आदि जैसे कार्यों को करते हुए नागरिकों को बेहतर सुविधायें प्रदत्त किये जाने के लिए किया जाता है। टंडन ने बताया कि नगर विकास विभाग द्वारा उपरोक्त विषयगत कार्य कराये जाने एवं व्यय किये जाने की समय-सीमा को 31 जुलाई तक बढ़ाये जाने से निकायों को बड़ी राहत मिलेगी और उपरोक्त धनराशि का सदुपयोग कर नगरीय क्षेत्र में विकास कार्यों को गति मिलेगी।
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