सब्र के साथ घर पर ही मनाया गया शबे बारात इस बार नहीं हुई पुरखो के कब्रों की ज़ियारत
बृजेश केसरवानी
प्रयागराज । शबे बारात के मौके पर हजारों साल पुरानी परंपरा एवं प्रथा को मुस्लिम समाज तोड़ते हुए इस बार घर पर ही शबे ए बारात मनाई गई और कोरोना से खुद को एवं देश और दुनिया को कोरोना से बचाने के लिए दुआ के लिए हाथ उठा कर दुआएं की गई रात 10:00 बजे अजान का भी सभी घरों से एहतमाम किया गया शहर काजी की अपील को सर आंखों पर रखते हुए कब्रिस्तान की तरफ ना जाने का फैसला लिया गया इस बार कोरोना को देखते हुए ना ही मस्जिदों में कुमकुम ए लगाए गए ना ही वहां पर किसी प्रकार की इबादत का इंतजाम किया गया और ना ही कब्रिस्तान मे किसी प्रकार लाइटिंग तैयारी की व्यवस्था की गई बल्कि परिवार संग घर में ही तमाम प्रकार की इबादत करने का अहद लिया गया और लोगों का कहना है कि इस बार सबसे ज्यादा लोगों के हाथ दुआ के लिए कोरोना से देश और दुनिया को बचाने के लिए उठाए गए बहुत से मेरे देशवासी एवं दुनिया के हजारों की संख्या मे लोगों की जिंदगी को कोरोनावायरस ने लील लिया उनकी आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना करने काऔर जो जिंदगी और मौत से अस्पतालों में इस कुदरती आपदा कोरोना से लड़ रहे हैं उनके बेहतर स्वास्थ्य के लिए ईश्वर से मनोकामना की प्रार्थना की गई का देश बचेगा देशवासी बचेंगे तो फिर से पहले की तरह पूरे रीति रिवाज के साथ त्यौहार मनाए जाएंगे यह दुख की घड़ी है नाजुक पल है ईश्वर के शरण में रहने का उससे क्षमा मांगने का रोने गिड़गिड़ाने का वक्त है । ऑल इंडिया मजलिस इत्तेहादुल मुस्लिमीन के नेता अफसर महमूद व इफ्तेखार अहमद मंदर ने तमाम मुसलमानों से अपने घर में इबादत करने की अपील की थी ।
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