रोम। इटली से दिल्ली लौटा एक व्यवसाई जब आगरा पहुंचा था तो उसके कुछ रिश्तेदार भी कोरोना की चेपट में आ गए थे। यह पिछले महीने की घटना है तब देश में कोराना संक्रमण बढ़ने शुरू हुए थे। भारतीय वैज्ञानिकों ने इन लोगों में मिले वायरस पर अध्ययन किए हैं तथा उसका वुहान में पाए गए वायरस से मिलान किया है। पता चला है कि इटली से दिल्ली होते हुए आगरा पहुंचे वायरस में दो बदलाव (म्यूटेशन) हुए हैं। इन बदलावों का क्या नतीजा होगा, यह अभी स्पष्ट नहीं है। लेकिन विशेषज्ञों का मानना है कि आमतौर पर इस प्रकार के म्यूटेशन से वायरस की घातक प्रवृत्ति धीमी पड़ती है।
इंडियन जर्नल आफ मेडिकल रिसर्च में प्रकाशित शोध में कहा गया है कि देश में कोरोना के पहले तीन मरीज केरल में मिले थे लेकिन उनमें पाए गए वायरस को अध्ययन के लिए आइसोलेट नहीं किया जा सका। लेकिन मार्च में जब इटली के पर्यटकों का एक समूह संक्रमित निकला और इटली से लौटे दिल्ली के एक व्यवसाई के जरिए आगरा में कुछ लोगों को संक्रमण हुआ तो इनमें से 12 नमूनों पर अध्ययन किया गया। इनमें आठ नमूने इटली पर्यटकों के तथा चार आगरा के परिवार के हैं। यह अध्ययन वायरस रिचर्स डायग्नोस्टिक लेब्रोटरी नेटवर्क के जरिए किया गया जिसमें एम्स, पीजीआई लखनऊ और सवाई मानसिंह अस्पताल जयपुर के शोधकर्ता शामिल थे।
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