नई दिल्ली/ पेरिस। कोरोना महामारी ने फिलहाल पूरी दुनिया को अपनी चपेट में ले लिया है। इसी बीच लगभग सभी देश एक दूसरे को सहयोग करने के लिए तैयार हैं। वहीं, 31 मार्च को फ्रांस के राष्ट्रपति मैक्रोन और पीएम मोदी ने एक लंबी टेलीफोनिक बैठक की। उन्होंने सहयोग के क्षेत्रों को तय किया, सर्वोत्तम प्रथाओं पर चर्चा की, नवीनतम जानकारी साझा की, विशेष रूप से एक वैक्सीन पर शोध पर, और उनकी अंतरराष्ट्रीय पहलों का समन्वय किया। भारत के लिए फ्रांस के राजदूत इमैनुअल लेनिन ने जानकारी देते हुए या बताया कि भारत आने वाले फ्रांसीसी नागरिकों को वापस उनके देश भेजने पर भी चर्चा की गई। अंतर्राष्ट्रीय उड़ानों के निलंबन के बाद से, 2,200 से अधिक यात्री इस प्रकार फ्रांस लौटने में सक्षम हो गए हैं।
जानकारी के लिए बता दें कि शुक्रवार को जब चीन ने अपने मौतों के आंकड़ें में फेल बदल कर इसे बढ़ाया तो फ्रांस के राष्ट्रपति ने कोरोना वायरस से निपटने में चीन के प्रयासों पर फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने भी सवाल उठाए थे। ब्रिटिश अखबार फाइनेंशियल टाइम्स को दिए इंटरव्यू में उन्होंने कहा कि कुछ ऐसी चीजें घटित हुई हैं जिनके बारे में हमें पता नहीं है। इस बीच, कोरोना से मुकाबले के मोर्चे पर फ्रांस को कुछ अच्छे संकेत मिले हैं।
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