मुंबई। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमन भले ही संसद में जवाब नहीं दे पाए, लेकिन रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने देश के 50 बड़े विलफुल डिफाल्टर्स का नाम सार्वजनिक कर दिया है, जिनके 68,607 करोड़ रुपए के कर्ज को बैंकों ने तकनीकी तौर पर माफ भी कर दिया है। देश के 50 शीर्ष विलफुल डिफाल्टर्स (जानबूझ कर कर्ज न चुकाने वाला) की जानकारी हासिल करने का काम आरटीआई एक्टिविस्ट साकेत गोखले ने किया है, जिन्होंने आरबीआई से सूचना के अधिकार के तहत जानकारी मांगी थी।
आरबीआई ने जानकारी तो दे दी है, लेकिन अपना पल्ला यह कह कर झाड़ लिया है कि यह बैंकों से 30 सितंबर 2019 को CRILC को मिली जानकारी के आधार पर है। वहीं आरबीआई ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश का हवाला देते हुए विदेशी कर्जदारों की जानकारी देने से मना कर दिया है। गोखले ने आरटीआई के तहत यह जानकारी पिछले बजट सत्र में कांग्रेस सांसद राहुल गाँधी द्वारा संसद में 16 फरवरी, 2020 को पूछे गए इस तारांकित प्रश्न का वित्त मंत्री निर्मला सीतारमन द्वारा जवाब देने से इंकार कर करने के बाद मांगी थी।
अब बात 50 शीर्ष विलफुल डिफाल्टर्स की, इसमें मेहुल चौकसे की कंपनी गीतांजलि जेम्स लिमिटेड 5,492 करोड़ रुपये की देनदारी के साथ पहले स्थान पर है, दूसरे स्थान पर 4,314 करोड़ रुपए की देनदारी के साथ आरईआई एग्रो लिमिटेड है, जिसके निदेशक संदीप झुनझुनवाला और संजय झुनझुनवाला हैं। इसके बाद भगोड़े हीरा कारोबारी जतिन मेहता की विनसम डायमंड्स एंड ज्वेलरी का नाम है, जिसने 4076 करोड़ रुपये कर्ज ले रखा है, वहीं कानपुर स्थित रोटमैक ग्लोबल 2,850 करोड़ रुपये कर्ज ले रखा है। इसके अलावा सूची कुदोस केमी 2,326 करोड़ रुपए, रुचि सोया इंडस्ट्रीज लिमिटेड 2,212 करोड़ रुपए शामिल हैं।
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