जिनेवा/नई दिल्ली। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने कहा है कि अगर दुनिया भर के देशों ने कोरोना वायरस ‘कोविड-19’ को लेकर जनवरी में ही उसकी सलाह मानी होती तो इस समय स्थिति इतनी खराब नहीं होती।डब्ल्यूएचओ के महानिदेशक डॉ. तेद्रोस गेब्रियेसस ने सोमवार को कोविड-19 पर नियमित प्रेस वार्ता में एक प्रश्न के उत्तर में कहा कि संगठन ने 30 जनवरी को ही वैश्विक स्वास्थ्य आपातकाल की घोषणा कर दी थी, जब चीन से बाहर कोरोना वायरस के सिर्फ 82 मामले थे और एक भी मौत नहीं हुई थी। जिन देशों ने उस समय डब्ल्यूएचओ की सलाह मानी, वे आज बेहतर स्थिति में हैं।
उन्होंने कहा, “हम सर्वश्रेष्ठ विज्ञान और साक्ष्यों के आधार पर सलाह देते हैं। कोविड-19 को लेकर हमने 30 जनवरी को सर्वोच्च स्तर के वैश्विक स्वास्थ्य आपातकाल की घोषणा की थी। उस समय दुनिया को डब्ल्यूएचओ की बात ध्यान से सुननी चाहिए थी, क्योंकि सर्वोच्च स्तर का स्वास्थ्य आपातकाल घोषित किया गया था। आप स्वयं देख सकते हैं कि जिन देशों ने हमारी सलाह मानी आज उनकी स्थिति कहीं बेहतर है। यह सच्चाई है।”
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