बुधवार, 15 अप्रैल 2020

कौशल विकास कार्यक्रम की लेंगे मदद

नई दिल्ली। देश में कोरोना महामारी से निपटने के लिए केंद्र सरकार ने कौशल विकास कार्यक्रम के तहत प्रशिक्षित किए गए स्वास्थ्य पेशेवरों की मदद लेने का निर्णय लिया है। इसके लिए केंद्रीय कौशल विकास व उद्यमिता मंत्रालय (एमएसडीई) ने करीब 1.75 लाख प्रशिक्षित स्वास्थ्य पेशेवरों का ब्योरा सभी राज्यों के मुख्य सचिवों को उपलब्ध कराया है। एमएसडीई के तहत काम करने वाले राष्ट्रीय कौशल विकास निगम (एनएसडीसी) ने इसके लिए हर राज्य के लिए एक नोडल अधिकारी नियुक्त किया है। राज्य प्रशासन की तरफ से मांग आने पर इस नोडल अधिकारी को ही आवश्यकता के हिसाब से इन स्वास्थ्य पेशेवरों को उपलब्ध कराने की जिम्मेदारी निभानी होगी।


मंत्रालय के मुताबिक, इन पेशेवरों को स्वास्थ्य कार्यकर्ता, आपातकालीन चिकित्सा तकनीशियन, सामान्य ड्यूटी असिस्टेंट, फ्लबॉटमी तकनीशियन, घरेलू स्वास्थ्य सहायक तकनीशियन आदि का प्रशिक्षण दिया गया है और इनका उपयोग राज्य आइसोलेशन सेंटरों से लेकर क्वारंटीन सेंटरों तक पर कर सकते हैं। मंत्रालय के मुताबिक, उनके 17 राज्यों के 99 जिलों में मौजूद 101 जन शिक्षण संस्थानों ने लॉकडाउन के दौरान अभी तक 5 लाख से ज्यादा मास्क बनाकर स्थानीय प्रशासन को उपलब्ध कराए हैं।


राष्ट्रीय कौशल प्रशिक्षण संस्थानों में बनेंगे क्वारंटीन सेंटर
एमएसडीई ने सभी राज्यों को अपने 33 राष्ट्रीय कौशल प्रशिक्षण संस्थानों (एनएसटीआई) का उपयोग क्वारंटीन सेंटर या आइसोलेश्न वार्ड के तौर पर करने की भी अनुमति दी है। हरियाण के पानीपत, पंजाब के लुधियाना, उत्तराखंड के देहरादून, केरल के तिरुवनंतपुरम व कालीकट (कोझिकोड) में एनएसटीआई को आइसोलेशन वार्ड में बदल भी दिया गया है। चेन्नई में भी एनएसडीसी के एक हॉस्टल में आइसोलेशन वार्ड बनाया गया


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