इंजी.सनत तिवारी
इटावा। कुख्यात अपराधी मुन्ना बजरंगी की हत्या के बाद उत्तरप्रदेश के जनपद इटावा में आपसी भिंडन्त में मारा गया D-2 कम्पनी से जुड़ा कुख्यात अपराधी मोनू पहाड़ी? योगी सरकार सवालों के घेरे में,,,,जेल में इतने बड़े बबाल को अंजाम देने के पीछे जिम्मेदार कौन? कहीं D-2 कम्पनी से जुड़े मोनू पहाड़ी को मरवाना कोई सोची समझी साजिश तो नही? जेल प्रशासन क्यों नही रोक पाया इस खूनी संघर्ष को? समय समय पर इटावा के जिलाधिकारी जेबी सिंह भी जेल का निरीक्षण करते रहते हैं बावजूद इसके जिलाधिकारी महोदय को भी इतनी बड़ी घटना की सुगबुगाहट तक नही लगी जबकि जनपद इटावा में LIU पूरी तरह सक्रिय हैं? क्या योगी सरकार ने हाफ काउंटर के बाद अपराधियो को मरवाने का ये नया तरीका तो नही खोज लिया कि जेल में गेंगवार में खूनी संघर्ष होने दो,,किसी कैदी की मौत के बाद आपसी झगड़ा दिखाकर मामले को दबा दो,,,कुख्यात भी मारा गया ओर मुठभेड़ भी नही करनी पड़ीं? हालांकि इटावा प्रशासन मृतक मोनू पहाड़ी के मामले को मौत करार दे रहा है लेकिन दूसरे स्वरूप में क्या मोनू पहाड़ी की मौत को सोची समझी साजिश के तहत गेंगवार के बाद हत्या कहना गलत नही होगा? कैसे पहुंचे इटावा जेल के अंदर लाठी डंडे व ईट पत्थर ये जेल प्रशासन पर एक गम्भीर व बड़ा सवाल है वहीं क्या माहौल बिगड़ते वक़्त जेल परिसर के अंदर सुरक्षा व्यवस्था मुस्तेद नही थी या साजिशन सुरक्षा व्यवस्था को दरकिनार कर ये खूनी संघर्ष कराया गया?
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