नई दिल्ली/रायपुर। कोविड 19 से पार पाने के प्रयासों में सहयोग देने भारतीय रेलवे ने अपनी पूरी ताकत और संसाधन लगा दिए हैं। इतने कम समय में 5,000 कोच को आइसोलेशन (एकांत) कोच में तब्दील करने के शुरुआती लक्ष्य में मंगलवार की स्थिति में 2500 कोच को आइसोलेशन बोगियों कर दिया गया है। यानी लक्ष्य का आधा रेलवे ने हासिल कर लिया है। इसी तरह रायपुर रेल मंडल ने लक्ष्य 50 कोच का आधे से अधिक 30 आइसोलेशन कोच तैयार कर दिया है। लॉक डाउन के दौरान कार्यबल संबंधी संसाधन सीमित बने हुए हैं और उनका समझ-बूझ से इस्तेमाल किया जाना जरूरी है। ऐसे में रेलवे के विभिन्न मंडल कार्यालयों ने इतने कम समय में असंभव से लग रहे इस कार्य का आधा लक्ष्य हासिल कर लिया है। लगभग 2,500 कोचों में बदलाव के साथ अब 4,000 आइसोलेशन बेड आपात स्थिति के लिए तैयार हैं।
रेलवे ने आपात स्थिति से निपटने आइसोलेशन कोच तैयार कर आधा लक्ष्य किया हासिल, हजारों बिस्तर भी तैयार
बता दें कि एक तैयार कोच को मंजूरी मिलते ही,मंडल रेलवे कार्यालयों ने तेजी से बदलाव का काम शुरू कर दिया था। भारतीय रेलवे के रोजाना औसतन 375 कोचों में बदलाव किया जा रहा है। देश के 133 स्थानों पर यह काम किया जा रहा है। पूर्व में जारी किए गए चिकित्सा परामर्शों के तहत इन कोचों में सभी सुविधाएं हैं। जरुरतों और नियमों के तहत सर्वश्रेष्ठ विश्राम और चिकित्सा निगरानी तय करने के प्रयास किए जा रहे हैं। उल्लेखनीय है कि कोविड 19 के खिलाफ लड़ाई में स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से किए जा रहे प्रयासों के पूरक के तौर पर इन आइसोलेशन कोचों को सिर्फ आपात स्थिति के लिए तैयार किया जा रहा है।
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