मंगलवार, 14 अप्रैल 2020

बड़कन्ने ! बाहर ना जायो !...

घर में सायउ, घर में खायउ


बड़कन्ने!  बाहर  ना  जायो!


अपने  अम्मा  बप्पा  देखो, घर  का चप्पा चप्पा  देखो।


छपरा   देखो छानी  देखो चुवति कहाँ पानी  देखौ।


भारी  देखो  हल्का  देखो, घर के खटिया पलका देखौ।


घारी  देख बग्गर देखो, बाहर देखौ  भीतर   देखो।


घर के  भीतर  रोयो  गायो, बड़कन्ने  बाहर  ना  जायो!


सरिगा सारा लहसुन देखो, गोंहुन माँ परिगे घुन  देेखो।


चाभी देखो  ताला  देखो, घर के भीतर जाला  देखो।


पगही देखो पगहा  देखो, द्वारे  पर  के  हरहा देखो।


चैला देखौ चिफुरी देखो, धनिया चरिगै बकरी देखो।


अपनै  घरु है  ना   सरमायो, बड़कन्ने    बाहर  ना   जायो।


बच्चा   देखो  बीवी   देखो, जतना  चाहौ टीवी देखौ।


भाभी  जी  हैं घर पर  देखो, अब राति दौसु पिच्चर देखो।


रामायण  घरी   घरी   देखो, सब टीवी  डिस्कवरी  देखो।


देखो या कम देखो, हाँ  मगर   सूर्यवंशम  देखो।


टीवी   से   बाहर ना  आयो, बड़कन्ने   बाहर   ना  जायो।


जी  बाहर  गे  उनका  देखो, चिरकुआ गवा धुनका देखो।


मँगरुआ  गवा  मारा   देखो, ननकू  का  पिछवारा  देखो


सब  के  सब सत्तारी  देखो, यिकी  बीमारी  देखो।


दुनिया दुनियादारी देखो, सरकारी तैयारी  देखो।


खरफू है मुलु  ना घबरायो, बड़कन्ने बाहर ना जायो।


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