वाशिंगटन/ बीजिंग। कोरोना सक्रमण पर कार्रवाई तथा दुनिया को इससे आगाह करने में देरी के करने की वजह से अमेरिका ने चीन के खिलाफ अपने ही एक राज्य की अदालत में मुकदमा दर्ज कराया है। अमेरिका का यह भी आरोप है कि चीन ने कोरोना वायरस के खतरनाक होने की जानकारी देने में देरी।
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साथ ही मुखबिरों को गिरफ्तार करके सूचनाओं का दमन करने का कुत्सित प्रयास किया। चीन की इसी हरकत की वजह से दुनिया को वैश्विक मंदी और महामारी का सामना करना पड़ रहा है। यह मुकदमा अमेरिकी राज्य मिसौरी की एक अदालत में दर्ज किया गया है। यहां के अटॉर्नी जनरल एरिक स्कमिट ने चीन की सरकार, सत्तारूढ़ कम्यूनिस्ट पार्टी और कई संबंधित अधिकारियों तथा संस्थानों को इस मुकदमे में पार्टी बनाया है। चीन पर आरोप लगाया गया है कि उसने कोरोना संक्रमण के बारे में लोगों तक जानकारी नहीं पहुंचने दी, जिसकी वजह से यह संक्रमण फैलते हुए महामारी बन गया। इतना ही नहीं, मेडिकल शोध की जानकारियों को नष्ट किया और लाखों लोगों को वायरस का शिकार होने दिया। साथ ही इससे बचने के लिए आवश्यक पीपीई किट की भी जमाखोरी की। एरिक का कहना है कि कोविड-19 से पूरी दुनिया को नुकसान पहुंचा है और लाखों लोग संक्रमित हुए हैं। कई परिवारों ने अपने प्रियजनों को खोया और कई छोटे-छोटे व्यापार बंद हो गए।
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