नई दिल्ली। वित्त विधेयक, 2020 आज लोकसभा में बिना चर्चा के पारित हो गया। इसके साथ ही वित्त वर्ष 2020-21 के बजट को सदन की मंजूरी मिल गई। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने सदन की कार्यवाही दोपहर बाद दो बजे शुरू होने के बाद सबसे पहले जरूरी कागजात सभा पटल पर रखवाए।
इसके बाद वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने वित्त विधेयक, 2020 को विचारार्थ सदन के समक्ष रखा। संसदीय कार्य राज्य मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने कहा कि सभी दलों के नेताओं के साथ आज सुबह हुई बैठक में यह सहमति बनी थी कि “असाधारण परिस्थितियों” को देखते हुए वित्त विधेयक को बिना चर्चा के पारित किया जाएगा। बजट के दिन एक फरवरी को वित्त विधेयक में सरकार ने 43 संशोधन किए थे। इसमें तीन खंड (पार्ट 4 ए, पार्ट 6 और पार्ट 7) जोड़े हैं। साथ ही छह नए क्लॉज और दो नए सेक्शन भी विधेयक में जोड़े गए। सदन ने मूल विधेयक में शामिल सेक्शन 144 को सत्ता पक्ष के सदस्यों की जोरदार न के कारण ध्वनिमत से खारिज कर दिया। सरकार की ओर से पेश सभी 43 संशोधनों को सदन की मंजूरी मिल गई, जबकि विपक्ष के सभी संशोधनों को खारिज कर दिया गया। सरकार ने अगले वित्त वर्ष के लिए कुल 30.42 लाख करोड़ रुपये का बजट पेश किया था। आम बजट पर 11 घंटे 51 मिनट चर्चा हुई। रेल मंत्रालय से संबद्ध अनुदान मांगों पर 12 घंटे 31 मिनट, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय की अनुदान मांगों पर पांच घंटे 21 मिनट और पर्यटन मंत्रालय की अनुदान मांगों पर चार घंटे एक मिनट चर्चा हुई। अन्य मंत्रालयों की अनुदान मांगों तथा सभी अनुदान मांगों से संबंधित विनियोग विधेयकों को 16 मार्च को गिलोटीन के जरिए मंजूरी प्रदान की गई थी।
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