नई दिल्ली। कोरोना वायरस से उत्पन्न महामारी के खतरे के बावजूद सीमा सड़क संगठन के कर्मचारी अरूणाचल के सुबांसीरी जिले में 450 गांवों के लिए जीवन रेखा माने जाने वाले बेली सेतु का निर्माण कार्य युद्धस्तर पर कर रहे हैं और उसे तय समय सीमा में पूरा करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।
सीमा सड़क संगठन ने एक वक्तव्य जारी कर कहा है कि कोरोना महामारी के खतरे के बावजूद कर्मचारी स्थानीय प्रशासन के अनुरोध पर दिन रात इसके काम में जुटे हैं क्योंकि मौजूदा ब्रिज की हालत बिल्कुल खस्ता हो चुकी है। इस ब्रिज को चीन की सीमा पर तैनात जवानों और क्षेत्र के 451 गांवों में संपर्क के लिए जीवन रेखा माना जाता है।संगठन ने कहा है कि कोरोना के कारण उत्पन्न स्थिति के मद्देनजर सभी एहतियात बरते जा रहे हैं और इस काम को तय समय सीमा में पूरा कर लिया जायेगा। इसके अलावा संगठन के कर्मचारी उत्तरी भारत के मनाली-लेह मार्ग पर भी दिन रात बर्फ हटाने के काम में लगे हैं। इस मार्ग पर बर्फ पड़ने से लाहौल और लद्दाख घाटी में कोरोना के कारण उत्पन्न स्थिति से निपटने के लिए राहत सामग्री पहुंचाने में बाधा आ रही है। रोहतांग दर्रे और बारालाचा दर्रे पर भी बर्फ हटाने की मशीनों के साथ चार टीमें काम में जुटी हैं। इन लोगों को हवाई मार्ग से वहां पहुंचाया गया है।
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