मुंबई। अमेरिकी बाजारों की तेजी और फेडरल बैंक की ब्याज दरों में कटौती भी सेंसेक्स को तेजी देने में नाकाम साबित हो रही है। कोरोनावायरस का संक्रमण बढ़ने के खौफ से भारतीय बाजारों में जबरदस्त गिरावट देखने को मिल रही है। हालांकि, यस बैंक के शेयर में 50 प्रतिशत तक की उछाल देखने को मिली है। बाजार में हो रही लगातार गिरावट के चलते शाम 4 बजे आरबीआई की प्रेस-कॉन्फ्रेंस होगी।
बाजार में आई गिरावट के 5 प्रमुख कारण
यूएस फेडरल ने ब्याज दरों में कटौती कर इसे शून्य के करीब ला दिया है। कोरोनावायरस फैलने के कारण बिजनेस और ट्रैवल ठप पड़ता जा रहा है। इससे लड़ने के लिए फेड ने यह कदम उठाया। इस कदम के बाद बॉन्ड बाजार में खरीदारी बढ़ गई। डॉलर के मुकाबले रुपए में भी गिरावट आई। फेडरल बैंक के ब्याज दरों में कटौती के बाद यूएस स्टॉक फ्यूचर्स में 5% की गिरावट आई। डाउ फ्यूचर्स 4.5% नीचे 1,041 अंकों पर पहुंच गया। एसएंडपी 500 फ्यूचर्स 4.8% और नैस्डैक फ्यूचर्स 4.5% नीचे है। इस गिरावट का असर देश के बाजारों पर भी देखने को मिला। देश में कोरोनावायरस का संक्रमण बढ़ने की खबरों से निवेशकों में घबराहट बढ़ गई है। महाराष्ट्र और केरल में कोरोनावायरस के मामलों की संख्या बढ़ी है। इटली और ईरान से भी 450 भारतीयों को वापस लाया गया है। चीन के बाद ये दोनों देश कोरोना से सबसे ज्यादा प्रभावित हैं। वैश्विक क्रेडिट रेटिंग एजेंसी क्रिसिल ने कहा है कि दुनियाभर में कोरोना का संकट और गहराने से भारतीय कंपनियों के सामने क्रेडिट का दबाव बढ़ गया है। एजेंसी ने कहा है कि एयरलाइंस, होटल, मॉल्स, मल्टीप्लेक्स और रेस्टोरेंट इंडस्ट्री पर सबसे ज्यादा असर पड़ेगा। विदेशी संस्थागत निवेशकों के घरेलू बाजारों से पैसा निकालने के कारण भी बाजार के ऊपर दबाव है। मार्च में अब तक निवेशक 35,000 करोड़ रुपए निकाल चुके हैं। कोरोनावायरस फैलने के कारण निवेशक घबराए हुए हैं।
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