लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि भारत में ऋषि परम्परा एवं साधना के परिणामस्वरुप जीवों के कल्याण के लिए योग का उत्थान हुआ है। योगी और उत्तराखण्ड के मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने रविवार को उत्तराखण्ड में मुनि की रेती, ऋषिकेश स्थित गंगा रिसोर्ट में संयुक्त रूप से सात दिवसीय अन्तर्राष्ट्रीय योग महोत्सव का दीप प्रज्ज्वलित कर शुभारम्भ किया।
इस अवसर पर आयोजित कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए योगी ने कहा कि भारत में ऋषि परम्परा एवं साधना के परिणामस्वरुप जीवों के कल्याण के लिए योग का उत्थान हुआ है। योग जैसी आध्यात्मिक और पवित्र विद्या को दुनिया के कोने-कोने में पहुंचाने और योग का विश्व गुरु बनने में भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी का अथक प्रयास रहा है।उत्तराखण्ड का जनपद ऋषिकेश विश्व पटल पर योग के केन्द्र बिन्दु के रूप में उभरा है। मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मार्गदर्शन में चलाए गए स्वच्छ भारत मिशन की सराहना करते हुए कहा कि यदि स्वच्छता के साथ-साथ योग को अपनाया जाए, तो अनेक बीमारियों से निजात मिल सकती है। स्वच्छ काया और योग के माध्यम से शारीरिक एवं मानसिक दृढ़ता तथा प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाया जा सकता है।उन्होंने कहा कि विश्व का कोई भी देश जब योग परम्परा से जुड़ता है, तो वह भारत की आत्मीयता से जुड़ता है और यह बात देश को गौरवान्वित करती है। उन्होंने ने वर्ष 2021 में हरिद्वार में आयोजित होने वाले कुम्भ के लिए उत्तराखण्ड सरकार को सहयोग दिए जाने की बात भी कही। उन्होंने पर्यटन के क्षेत्र में उत्तराखण्ड सरकार द्वारा किये जा रहे कार्यों की सराहना की। उन्होंने कहा कि विगत माह उत्तराखण्ड में खूब बर्फबारी हुई, जिसमें उत्तर प्रदेश सहित देश के विभिन्न राज्यों एवं विदेशी पर्यटकों का बड़ी संख्या में आवागमन रहा। इस मौके पर रावत ने कहा कि योग को विश्वव्यापी पहचान दिलाने में प्रधानमंत्री मोदी की अहम भूमिका रही है। उत्तराखण्ड को योग के हब एवं ऋषिकेश को विश्व योग के केन्द्र के रूप में स्थापित करने के लिए सरकार ने व्यापक स्तर पर कार्य किया है। योग को पर्यटन से जोड़ने और योग के साथ-साथ पर्यटन हब के रूप में उत्तराखण्ड को विकसित करने के लिए सरकार व्यापक स्तर पर कार्य कर रही है। उत्तराखण्ड के मुख्यमंत्री ने कहा कि आध्यात्मिक योग के माध्यम से पर्यटकों को आकर्षित करने का कार्य सरकार कर रही है। योग विश्व के स्वास्थ्य एवं कल्याण के लिए जरूरी है। इसकी आवश्यकता आज पूरी दुनिया को महसूस होने लगी है, जिसका परिणाम है कि आज विश्व में जहां भी योग की शुरुआत हो रही है। उत्तराखण्ड के योग शिक्षकों को सम्मानपूर्वक बुलाया जा रहा है। इस अन्तर्राष्ट्रीय योग महोत्सव में विश्व के विभिन्न देशों एवं भारत के अनेक राज्यों के योगाचार्यां, शिक्षकों एवं योग प्रेमियों ने प्रतिभाग किया। इस अवसर पर एक पुस्तिका का विमोचन भी किया गया।इस माैके पर उत्तराखण्ड के विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचन्द्र अग्रवाल, उच्च शिक्षा मंत्री डाॅ0 धन सिंह रावत, सचिव पर्यटन दिलीप जावलकर, जीएमवीएन के अध्यक्ष महावीर सिंह रांगड़, महामण्डलेश्वर जूना अखाड़ा स्वामी अवधेश्वरानन्द महाराज सहित शासन-प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी तथा देश-विदेश के योगाचार्य एवं योगप्रेमी उपस्थित थे।
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