मंगलवार, 17 मार्च 2020

पाकिस्तानी राष्ट्रपति ने लगाई गुहार

इस्‍लामाबाद। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अपील पर कोरोना वायरस को लेकर आयोजित सार्क देशों की अहम बैठक में कश्‍मीर राग अलापने वाले पाकिस्‍तान में हालात खराब होते जा रहे हैं। पाकिस्‍तान में सोमवार को कोरोना वायरस से पॉजिटिव लोगों की संख्‍या बढ़कर 184 हो गई। भारत समेत दक्षिण एशिया में यह सबसे ज्‍यादा है। कोरोना के कहर से बचने के लिए पाकिस्‍तानी राष्‍ट्रपति आरिफ अल्‍वी मदद की गुहार लेकर चीन पहुंच गए हैं।


पाकिस्‍तानी प्रधानमंत्री इमरान खान के तमाम दावों के विपरीत वहां पर हालात खराब होते जा रहे हैं। सिंध प्रांत तो कोरोना का गढ़ बनता जा रहा है। यहां पर सबसे ज्‍यादा 150 मामले सामने आए हैं। इसके अलावा खैबर पख्‍तूनख्‍वा में 15, बलूचिस्‍तान में 10, पंजाब में 2, राजधानी इस्‍लामाबाद में 2, गिलगिट बाल्टिस्‍तान में 5 मामले सामने आए हैं। पाकिस्‍तान में कोरोना पॉजिटिव लोगों की संख्‍या पिछले 24 घंटे में तीन गुना हो गई। सिंध प्रांत में ही कोरोना के 115 नए मामले सामने आए हैं। सिंध प्रांत के मुख्‍यमंत्री मुराद अली ने लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की है। पाकिस्‍तान की आर्थिक राजधानी कहे जाने वाले कराची शहर में ही कोरोना के 30 मामले सामने आए हैं। हालत यह है कि पाकिस्तान में संक्रमित लोगों को बचाने में जुटे डॉक्टर ही सुरक्षित नहीं हैं। यहां के एक बड़े नामी अस्पताल में कोरोना संक्रमित व्यक्ति के इलाज में जुटे दो डॉक्टरों को संसाधनों की कमी के कारण कोरोना के संदिग्ध के तौर पर आइसोलेशन (एकांतवास) में भर्ती करना पड़ा है। द नेशन की खबर के अनुसार, पाकिस्तान इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (पीआईएमएस) में बचाव के बुनियादी संसाधन तक उपलब्ध नहीं हैं, जिस वजह से यहां डॉक्टर भी सुरक्षित नहीं हैं। रविवार को कोरोना संक्रमण से ग्रसित व्यक्ति को वेंटिलेटर पर लेकर जाने वाले दो डॉक्टरों को ही एकांतवास में रखना पड़ा है। रिपोर्ट में बताया गया है कि डॉक्टरों की सुरक्षा के साथ समझौता किया जा रहा है, क्योंकि अस्पताल में सेवारत लगभग 800 मेडिकल स्टाफ के लिए पर्सनल प्रोटेक्शन इक्विपमेंट (पीपीई) भी पर्याप्त तौर पर उपलब्ध नहीं हैं। टिड्डियों की मार से जूझ रहे पाकिस्‍तान में कोरोना ने हालात और ज्‍यादा खराब कर दिए हैं। इस दोहरे संकट से जूझ रहे इमरान खान ने राष्‍ट्रपति आरिफ अल्‍वी को अपने ‘सदाबहार मित्र’ चीन से मदद मांगने भेजा है। चीन के वुहान शहर में कोरोना वायरस संकट की शुरुआत के बाद किसी विदेशी राष्‍ट्राध्‍यक्ष की पहली चीन यात्रा है। यही नहीं राष्‍ट्रपति अल्‍वी की भी यह पहली चीन यात्रा है। कोरोना से निपटने के लिए अब पाकिस्‍तान को चीन से मदद लेनी पड़ी है। इससे पहले पाकिस्‍तानी प्रशासन ने भारत के विपरीत अपने छात्रों को चीन से निकालने से इनकार कर दिया था। उसे डर था कि कहीं यह महामारी उसके दरवाजे तक न आ जाए। अपने नागरिकों के के साथ इमरान खान की यह बेरुखी काम नहीं आई और अब कोरोना महामारी की चपेट में पाकिस्‍तान के कई सूबे आ गए हैं।


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