नई दिल्ली। कोरोना वायरस (Coronavirus) के बढ़ते प्रकोप से निवेशकों में खौफ का माहौल है, जिसके कारण पूरी दुनिया के शेयर बाजारों (Share Market) में गिरावट का सिलसिला जारी है। इसी कड़ी में यूएस फेडरल रिजर्व बैंक (फेड) ने बेंचमार्क ब्याज दर जो एक फीसदी से 1.25 फीसदी था उसे घटाकर शून्य से 0.25 फीसदी कर दिया है।
आरबीआई (RBI) फेडरल रिजर्व के ग्लोबल स्वैप लाइन फैसिलिटी का हिस्सा नहीं है, लेकिन वित्तीय बाजार में फ्रीजिंग जैसी स्थिति से बचने के लिए उभरते देशों के केंद्रीय बैंक के साथ सहयोग करने के लिए वह दरों में कटौती कर सकता है। वित्तीय बाजार के संकट को टालने के लिए बाकी उभरते देश के केंद्रीय बैंक की तरह भारत का बैंकिंग नियामक रिजर्व बैंक भी दरें कम करने की रणनीति में शामिल हो सकता है। कोरोना वायरस (Coronavirus) के प्रकोप से अपनी अर्थव्यवस्था को बचाने की दिशा में अमेरिका के केंद्रीय बैंक यूएस फेडरल रिज़र्व ने बड़ा कदम उठाया है। फेडरल रिज़र्व ने प्रमुख ब्याज दरों में कटौती की है। यूएस फेड ने ब्याज दरों को घटाकर लगभग जीरो कर दिया है।
कोरोना वायरस (Coronavirus) के खतरे को कम करने की दिशा में यूएस फेड का यह बेहद चौंकाने वाला और बड़ा फैसला है। इससे अमेरिका ने एसेट्स की खरीद में हजारों बिलियन डॉलर के सस्ते डॉलर फाइनेंशिंग ऑफर से विदेशी अथॉरिटी को पीछे छोड़ दिया है। विदेशी मुद्रा बाजार में तरलता बनाये रखने के लिए आरबीआई ने पिछले हफ्ते दो अरब डॉलर का स्वैप ऑप्शन कराया था। एक्सपर्ट्स की माने तो टूर ऑपरेटर, होटल और रेस्टोरेंट चेन का बिजनेस कोरोना की वजह से पटरी से उतर सकता है। अगर ग्राहक नहीं आते तो उनके पेमेंट में दिक्कत हो सकती है।
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