अयोध्या। 25 मार्च से अयोध्या में रामनवमी का मेला शुरू हो रहा है जो कि 2 अप्रैल तक चलेगा। एक ओर जहां दुनिया के 117 देश कोरोना वायरस से संक्रमित है। आए दिन कोरोना से संक्रमण के मामले बढ़ते जा रहे है। भारत में सरकार ने लोगों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए स्कूल, कॉलेजों, शॉपिंग मॉल, सिनेमा हॉल, स्विमिंग पूल, जिम सभी 2 अप्रैल तक बंद कर दिए हैं, कई जगह धारा 144 तक लागू कर दी है। ऐसे में अयोध्या में रामनवमी के मेले की शुरूआत होने जा रही है और अंदाजा लगाया जा रहा है कि इस मेले में करीब 10 लाख श्रद्धालु जुटेंगे। ज्यादा भीड़ का मतलब है संक्रमण की ज्यादा संभावना लेकिन योगी आदित्यनाथ की सरकार इन सब बातों को नजरअंदाज करती दिख रही है। श्रद्धालुओं की जान से खिलवाड़ किया जा रहा है।
24 मार्च से 2 अप्रैल तक अयोध्या में रामनवमी के मेले का आयोजन किया जाएगी साथ ही तैयारियां भी शुरू हो गई है। प्रस्तावित कार्यक्रम के अनुसार मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी इस मेले में शामिल होंगे। 24 मार्च के दिन वे अयोध्या में किए जा रहे विकास कार्यों की समीक्षा करेंगे। 25 मार्च को मुख्यमंत्री अस्थायी मंदिर में रामलला के विराजमान होने पर प्राण प्रतिष्ठा का पूजन करेंगे। इस दौरान अयोध्या के संत और केन्द्र सरकार द्वारा गठित अयोध्या ट्रस्ट के सभी प्रमुख पदाधिकारी मौजूद रहेंगे। अयोध्या विवाद अदालत की दहलीज पर पहली बार सन् 1885 में पहुंचा था और 9 नवंबर 2019 को सुप्रीम कोर्ट से आए फैसले के बाद 25 मार्च से शुरू होना वाले मेले को लेकर श्रद्धालुओं में काफी उत्साह है इसीलिए कहा जा सकता है कि इस बार हर वर्ष से ज्यादा भक्तगण मेले में शामिल होंगे।
जिलाधिकारी अनुज कुमार झा का कहना है कि उत्तर प्रदेश सरकार ने महामारी अधिनियम अधिसूचित कर कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए जिला प्रशासन को सभी प्रकार के उपाय करने की शक्ति प्रदान की है. कोरोना वायरस के प्रति एहतियात बरतने संबंधी 50,000 पोस्टर छपवाए हैं और उन्हें सार्वजनिक स्थलों पर लगाया जा रहा है. सिर्फ जागरूकता ही नहीं इस समय देश को सुरक्षित रहने की भी जरूरत है। ज्यादा भीड़ का मतलब है संक्रमण की ज्यादा संभावना।
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