सच्चाई को दबाना हो गया है आसान , आखिर जिम्मेदारों के द्वारा कब तक किया जाएगा पत्रकारों का शोषण
कलम के सिपाही पर दर्ज किया गया फर्जी मुकदमा
कौशाम्बी। लोकतंत्र का चौथा स्तम्भ कहे जाने पत्रकारों को अब सच्चाई लिखना लोहे के चने चबाने के बराबर हो गया है। जिस सच्चाई को दबाने के लिए ज्ञातव्य हुआ कि प्रशासन के द्वारा उन पर फर्जी मुकदमा दर्ज करा दिया गया है, जो सरासर सच्चाई को एक तमाचा मारने के बराबर साबित हो रहा है। जनपद में ऐसी कई घटनाएं हो चुकी है, जिससे सभी पत्रकारों में जबरदस्त आक्रोश व्याप्त है। अगर समय रहते इसपर ध्यान नहीं दिया गया तो इसके लिए शासन से लिखित शिकायत करने को सभी पत्रकारों ने हुंकार भर लिया है।
सियाराम सिंह
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