दुनिया भर में भय का पर्याय बन चुके कोरोना वायरस से बचाव के लिए देश के साथ-साथ उत्तर प्रदेश के तमाम बड़े व छोटे मंदिरों को बंद कर दिया गया है। UP में संकटमोचन मंदिर में जहां लोग बंद मंदिर के मुख्य द्वार पर ही माला-फूल चढ़ा रहे हैं वहीं काशी विश्वनाथ मंदिर भी आम श्रद्धालुओं के लिए बंद कर दिया है।
वाराणसी। काशी विश्वनाथ मंदिर 24 मार्च तक बंद
वाराणसी स्थित द्वादश ज्योतिर्लिंग में से एक बाबा काशी विश्वनाथ मंदिर को कोरोना से बचाव के मद्देनजर 21 मार्च से 24 मार्च तक श्रद्धालुओं के लिए बंद कर दिया गया। इस दौरान पुजारियों की नियमित पूजा-अर्चना पर रोक लागू नहीं होगी। पुजारी मंदिर में प्रवेश कर दैनिक पूजा-अर्चना करते रहेंगे। DM कौशल राज शर्मा ने यह आदेश दिया है। इस दौरान मंदिर के पुजारियों के अलावा आम दर्शनार्थियों को मंदिर में प्रवेश नहीं दिया जाएगा।
काशी के कोतवाल कालभैरव का मंदिर अनिश्चितकाल के लिए बंद
काशी के कोतवाल कहे जाने वाले बाबा काल भैरव का मंदिर भी अनिश्चितकाल के लिए बंद कर दिया गया है। मंदिर के महंत परिवार की ओर से मिली जानकारी के अनुसार पूजा-अर्चना होती रहेगी। श्रद्धालुओं के प्रवेश पर रोक लगाई गई है।
संकट मोचन मंदिर 25 मार्च तक बंद, मुख्य द्वार पर ही लोग चढ़ा रहे माला-फूल
कोरोना के प्रकोप के कारण वाराणसी का प्रसिद्ध संकटमोचन मंदिर भी शनिवार की सुबह से आम लोगों के लिए बंद कर दिया गया है। मंदिर बंद होने के बाद भी काफी संख्या में लोग पहुंचे और मुख्य गेट पर ही माला फूल चढ़ाने के साथ भगवान हनुमान को नमन किया। कुछ लोगों ने गेट के बाहर सड़क पर ही हनुमान चालीसा व अन्य पाठ किया। बता दें कि संकट मोचन मंदिर में हर शनिवार व मंगलवार को भारी भीड़ उमड़ती है। श्रद्धालुओं की भारी भीड़ के मद्देनजर ही शुक्रवार शाम मंदिर के महंत प्रो. विश्वम्भरनाथ मिश्र ने मंदिर के कपाट आम लोगों के लिए बंद करने का फैसला लिया।
शहर के दक्षिणी भाग में स्थित संकटमोचन मंदिर वाराणसी ही नहीं देश विदेश के श्रद्धालुओं के लिए आस्था का बड़ा केंद्र है। PM ने भी जब वाराणसी से चुनाव लड़ने का फैसला किया था तो सबसे पहले यहीं आकर आशीर्वाद लिया था। मंदिर को 25 मार्च तक के लिए बंद कर दिया गया है।
गंगा आरती में आम श्रद्धालुओं का प्रवेश 31 मार्च तक के लिए प्रतिबंधित
बता दें कि वाराणसी में होने वाली गंगा आरती में आम लोगों की प्नवेश पर पहले ही रोक लगा दिया गया है। यह निर्णय जिला प्रशासन और गंगा सेवा निधि ने कोरोनावायरस के बढ़ते मामलों को देखते हुए लिया है। गंगा सेवा निधि के अध्यक्ष सुशांत मिश्रा ने कहा- दशाश्वमेध घाट पर होने वाली मां गंगा की दैनिक आरती का स्वरूप 31 मार्च तक के लिए सांकेतिक किया गया है।
चित्रकूटः मंदिरों पर लगा ताला
कोरोनावायरस का असर चित्रकूट में भी देखने को मिल रहा है। यहां 31 मार्च तक कामदगिरि परिक्रमा और कामतानाथ के दर्शनों के लिए आने वाले श्रद्धालुओं के प्रवेश पर रोक लगा दी गई। मझगवां SDM हेमकरण धुर्वे ने बताया कि राम घाट स्थित मंदिर महाराजाधिराज मतगजेंद्र नाथ शिव मंदिर में भी आज ताला लगा दिया गया। सुबह पूजन और शाम को आरती व भगवान का भोग सेवायतों द्वारा संपन्न होगा।
गोरखपुरः गोरखनाथ पीठ श्रद्धालुओं के लिए किया गया बंद
इसके अलावा गोरखपुर के गोरखनाथ पीठ को भी श्रद्धालुओं के लिए बंद कर दिया गया है। गोरखनाथ पीठ श्रद्धालुओं के लिए 31 मार्च तक बंद रहेगा। इस दौरान गोरखनाथ पीठ में नियमित भोग और आरती आम दिनों की तरह होती रहेगी। गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ही इस मठ के महंत हैं।
ज्ञात है कि कोरोना वायरस के कारण प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रविवार, 22 मार्च को जनता कर्फ्यू का आह्वान किया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी प्रदेश धार्मिक आयोजनों पर भी रोक लगाते हुए लोगों से अपने घर पर रहकर ही पूजा करने की अपील की है। मां वैष्णो देवी और मां कामाख्या के मंदिर श्रद्धालुओं के लिए बंद किए जा चुके हैं। इस बीच अब उत्तर प्रदेश के भी प्रमुख मठ-मंदिरों में श्रद्धालुओं के प्रवेश पर रोक लग गई है।
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