प्रयागराज। इलाहाबाद हाई कोर्ट कोरोना वायरस के संक्रमण से बचाव के लिए नित नए अहम आदेश दे रहा है। हाई कोर्ट ने अब प्रदेश के गौतमबुद्ध नगर, संभल, आगरा और लखनऊ के जिला न्यायाधीशों को 28 मार्च तक अदालत को बंद करने का निर्देश दिया है।
इलाहाबाद हाई कोर्ट यह भी आदेश है कि इस दौरान केवल अतिआवश्यक मामले ही सुने जाएंगे। इसके बदले ग्रीष्मकालीन अवकाश के दिनों में अदालत खोली जाएगी। हाई कोर्ट ने चारों जिला न्यायाधीशों से अनुपालन रिपोर्ट भी मांगी है।महानिबंधक की ओर से इन चारों जिला न्यायाधीशों के नाम जारी पत्र में कहा गया है कि हाई कोर्ट की कोरोना वायरस के संक्रमण से निपटने व मानीटरिंग करने की कमेटी के प्रस्ताव के तहत यह आदेश जारी किया गया है। सभी जगह इसका कड़ाई से पालन किया जाए। इलाहाबाद हाई कोर्ट ने उत्तर प्रदेश की जेलों में कैद विचाराधीन बंदियों की अदालतों में पेशी पर भी रोक लगा दी है। अब किसी भी जिला अदालत में बंदियों को पेश नहीं किया जाएगा, बल्कि उनकी पेशी वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये कराने का आदेश जारी किया गया है। हाई कोर्ट ने यह कदम कोरोना वायरस के संक्रमण से बचाने के लिए उठाया है। महानिबंधक ने इस संबंध में सभी जिला न्यायाधीशों को आदेश जारी कर दिया है। हाई कोर्ट ने सभी जिला न्यायाधीशों को इसका अनुपालन कड़ाई से करने का निर्देश दिया है। इलाहाबाद हाई कोर्ट के महानिबंधक की ओर से सभी जिला न्यायाधीशों को जारी आदेश में कहा गया है कि विचाराधीन बंदियों को अदालतों में पेशी पर न भेजा जाए। उनकी पेशी अब वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये कराई जाए। प्रदेश के सभी डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये पेशी कराने का अनुपालन करें। यह भी आदेश है कि यदि वीडियो कांफ्रेंसिंग में समस्या आ रही है तो जिला मुख्यालय की एनआइसी का इसके लिए उपयोग करें। जिला अदालतें जेल के बंदियों की सुनवाई सिर्फ इसी माध्यम से करें।
बृजेश केशरवानी
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