पटना। बिहार में कोरोनावायरस के संदिग्धों की संख्या लगातार बढ़ रही है। इस बीच हालांकि राज्य के शहरी इलाकों में सोमवार से लगाए गए लॉकडाउन को सख्ती से पालन कराने की कोशिश की जा रही है। बिहार में अब तक 537 संदिग्धों की पहचान की गई है, जिसमें कुल 122 संदिग्धों को आइसोलेशन से मुक्त किया गया है। इन्हें 14 दिनों के लिए आइसोलेशन में रखा गया था। इस बीच, तीन लोगों में कोरोना वायरस से संक्रमण होने की पुष्टि हुई है, जिसमें से एक व्यक्ति की मौत हो चुकी है।
बिहार के स्वास्थ्य विभाग के एक अधिकारी ने मंगलवार को बताया कि 15 जनवरी से सोमवार शाम तक बिहार में कोरोना वारयरस से ग्रसित देशों से लौटे 537 यात्रियों को सर्विलांस (निगरानी) में रखा गया है। इनमें से 122 यात्रियों ने 14 दिनों की सर्विलांस की अवधि पूरी कर ली है। उन्होंने बताया कि इस दौरान पटना और गया हवाईअड्डों पर आने वाले लोगों थर्मल स्क्रीनिंग कराई गई। इन दोनों हवाईअड्डों पर 20 हजार से ज्यादा यात्रियों की स्क्रीनिंग की जा चुकी है।
उन्होंने बताया कि अबतक 185 संदिग्ध लोगों से लिए गए नमूनों की जांच कराई गई है, जिसमें से तीन लोगों में कोरोनावायरस के सकारात्मक लक्षण पाए गए, जबकि 127 लोगों में यह लक्षण नहीं पाया गया है। शेष भेजे गए नमूनों की जांच रिपोर्ट अबतक नहीं आई है। रविवार को बिहार में कोरोनावायरस से संक्रमित एक व्यक्ति की मौत हो गई है।
उन्होंने कहा कि मुख्य सचिव की अध्यक्षता में राज्य स्तर पर एक राज्य समन्वय समिति का गठन किया गया है, वहीं जिलों में भी जिलाधिकारी की अध्यक्षता जिला समन्वय समिति का गठन किया गया है। इस बीच, सरकार ने अन्य राज्यों से आने वाले लोगों को गांव में जाने के पहले सरकारी भवनों में रखने का निर्णय लिया है। उल्लेखनीय है कि बिहार में कोरोनावायरस के संक्रमण को रोकने के लिए शहरी इलाकों में सोमवार से लॉकडाउन घोषित कर दिया गया है।
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