स्पेनिश फ्लू ने 1918 में दुनिया को अपनी चपेट में ले लिया था। कम से कम 5 करोड़ लोगों की मौत इसकी वजह से हुई थी। यह दुनिया के हर हिस्से में फैल गई थी। जापान, अर्जेंटिना और अन्य दर्जनों देशों में इससे लोग प्रभावित हुए थे। इस वक्त कई देशों में कोरोना वायरस की वजह से हेल्थ इमर्जेंसी जैसी हालत पैदा हो गई है। बड़ी संख्या में इसके कारण मौतें हो चुकी हैं और भारत में भी 40 से ज्यादा कोरोना के मामले सामने आ चुके हैं।
कोरोना वायरस से पहले भी दुनिया में एक फ्लू ने कहर ढाया था जिसका नाम स्पैनिश फ्लू था। आइए आज स्पेनिश फ्लू के बारे में जानेंगे कि यहां कहां से शुरू हुआ और कैसे पूरी दुनिया में फैल गया, कैसे करोड़ों लोगों की इसकी वजह से मौत हो गई। कब और कैसे फैली? अमेरिका में स्पेनिश फ्लू के शुरुआती मामले मार्च 1918 में सामने आए थे।
अभी की तरह उस समय दुनिया आपस में नहीं जुड़ी हुई थी। समुद्री मार्गों से ही एक देश से दूसरे देश आना-जाना होता था। फिर भी यह बीमारी काफी तेजी से फैली। तुरंत ही यह महामारी अलास्का के सुदूर इलाकों में पहुंच गई। करीब दो सालों तक इसका कहर जारी रहा। ऐसा माना जाता है कि इस बीमारी की शुरुआत सैनिकों से हुई थी। उस समय पहला विश्वयुद्ध चल रहा था।
सैनिकों के बंकरों के आसपास गंदगी की वजह से यह महामारी सैनिकों में फैली और जब सैनिकों अपने-अपने देश लौटे तो वहां भी यह बीमारी फैल गई। स्पेनिश फ्लू की शुरुआत कहां से हुई? स्पेनिश फ्लू की शुरुआत कहां से हुई, इसको लेकर इतिहासकारों का अलग-अलग विचार है। कुछ का मानना है कि फ्रांस या अमेरिका स्थिति ब्रिटिश आर्मी के बेस से इसकी शुरुआत हुई थी।
हाल ही में एक नई थ्यौरी आई है जिसमें इसके लिए चीन को जिम्मेदार ठहराया गया है। इस थ्यौरी के मुताबिक स्पेनिश फ्लू की शुरुआत साल 1917 के आखिरी हिस्से में उत्तरी चीन में हुई। वहां से यह बीमारी पश्चिमी यूरोप में फैली।
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